K. Viswanath / फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का हुआ निधन, कई हस्तियों ने जताया शोक

Zoom News : Feb 03, 2023, 10:57 AM
K. Viswanath: भारतीय फिल्मों के मशहूर निर्देशक, पटकथा लेखक और अभिनेता, कसीनथुनी विश्वनाथ का निधन हो गया है. दिग्गज कलाकार को’के विश्वनाथ’ के नाम से भी जाना जाता था. एक्टर का निधन हैदराबाद के अपॉलो अस्पताल में हुआ. वह तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर कलाकर थे. कसीनथुनी विश्वनाथ के निधन के बाद साउथ इंडस्ट्री में शोक की लहत दौड़ पड़ी है. सभी नम आंखों के साथ उन्हें विदाई दे रहे हैं.

कसीनथुनी विश्वनाथ को 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 7 राज्यनंदी पुरस्कार, 10 दक्षिण फिल्मफेयर पुरस्कार औ रहिंदी में भी एक फिल्मफेयर पुरस्कार मिलेहैं. उन्हें 1981 में “फ्रांस केबेसनकॉनफिल्म फेस्टिवल ” में “जनता का पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था. 1992 में, उन्हें आंध्र प्रदेश राज्यरघुपति वेंकैया पुरस्कारऔर नागरिक सम्मान भी मिला था. कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1992 में ही पद्मश्री से सम्मानित किया गया था और उन्हें2017 में भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने निधन पर शोक व्यक्त किया

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी विश्वनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राव के हवाले से कहा गया है, ‘‘विश्वनाथ प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने साधारण कहानियों को अपनी अद्भुत प्रतिभा के दम पर बड़े पर्दे पर एक ‘क्लासिक फिल्म’ के रूप में पेश किया।’’ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘‘विश्वनाथ तेलुगु संस्कृति व भारतीय कलाओं का आईना हैं। उनके निर्देशन में बनी फिल्मों ने तेलुगु फिल्म उद्योग को अद्वितीय सम्मान दिलाया। वह एक कलाकार के रूप में तेलुगु भाषी लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे।’’

तमिल और हिंदी फिल्मों में काफी लोकप्रियता हासिल की

तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की थी। वह दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले 48वें शख्स थे। इस पुरस्कार को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। उन्हें 2016 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। 

शानदार करियर में कई पुरस्कार हासिल किया 

अपने शानदार करियर में उन्हें 1992 में पद्म श्री, पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाला पुरस्कार) और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ सहित 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले। विश्वनाथ ने अपने करियर में करीब 50 फिल्में बनाईं। तेलुगु फिल्म उद्योग के एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता होने के साथ ही उन्होंने तमिल और हिंदी सिनेमा के लिए भी काम किया।

विश्वनाथ ने एक ऑडियोग्राफरके रूप में अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत की और साठ वर्षों में, उन्होंने प्रदर्शन कला,दृश्य कला और सौंदर्य शास्त्र पर आधारित फिल्मों सहित विभिन्न शैलियों में 53 फीचर फिल्मों का निर्देशन किया है. उन्हें अपने कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली, और उन्हें समानांतर सिनेमा को मुख्यधारा के व्यावसायिक सिनेमा के साथ मिलाने के लिए जाना जाता है. विश्वनाथ की फिल्मोग्राफी जाति,रंग, अक्षमता,लैंगिक भेदभाव, नारीद्वेष, के मुद्दों को संबोधित करने के लिए जानी जाती है.

अनिल कपूर ने भी अपने ट्विटर पर ट्वीट पर दिग्गज कलाकार को श्रद्धांजलि दी है.

अनिल समेत साउथ के तमाम सितारों ने भी अभिनेता के निधन पर शोक जाहिर किया है.

1951 में उन्होंने तेलुगु-तमिल फिल्मपत्थल भैरवीमें सहायक निर्देशक के रूप में शुरुआत की थी.1965 में, विश्वनाथ ने तेलुगु फिल्म ‘आत्मा गोवरम’ के साथ एक निर्देशक के रूप में शुरुआत की, जिसने वर्ष कीसर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्मके लिए नंदी पुरस्कार जीता था. इनकी सबसे मशहूर फिल्म ‘शंकरभरणम'(1980) पश्चिमी संगीत के बढ़ते प्रभाव के तहत पारंपरिक भारतीय संगीत की उपेक्षा पर प्रकाश डालती है, इस फिल्म ने सिनेमाघरों में एक वर्ष से अधिक समय तक चलकर कई व्यावसायिक रिकॉर्ड तोड़े थे.

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