Aishwarya Rai News / ऐश्वर्या-माधुरी के 'डोला रे डोला' की अनसुनी कहानी, बीमार सरोज खान ने जमीन पर लेटकर किया था कोरियोग्राफ

ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित के सुपरहिट गाने 'डोला रे डोला' को कोरियोग्राफर सरोज खान ने अपनी बीमारी के बावजूद जमीन पर लेटकर कोरियोग्राफ किया था। इस गाने ने 17 अवॉर्ड जीते और सरोज खान की असाधारण लगन का प्रतीक बन गया, जो आज भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करता है।

हिंदी सिनेमा में गानों का हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है, जो कहानियों को भावनात्मक गहराई और भव्यता प्रदान करते हैं और फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की फिल्मों में यह भव्यता और भी बढ़ जाती है, जहां सेट से लेकर कॉस्ट्यूम और गाने तक, हर चीज़ असाधारण होती है। ऐसा ही एक गाना 'देवदास' फिल्म का 'डोला रे डोला' है, जिसने अपनी रिलीज़ के बाद 17 प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीते थे। यह गाना आज भी दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय है और ऐश्वर्या। राय तथा माधुरी दीक्षित के शानदार नृत्य प्रदर्शन के लिए जाना जाता है।

आइकॉनिक गाना 'डोला रे डोला'

जब भी 'डोला रे डोला' की बात होती है, तो आँखों के सामने भव्य सेट, शानदार विजुअल्स, और ऐश्वर्या राय व माधुरी दीक्षित की कमाल की अदाएं और डांस स्टेप्स आ जाते हैं। इस गाने में ऐश्वर्या ने जिस तरह माधुरी दीक्षित जैसी ट्रेंड डांसर को टक्कर दी थी, वह देखकर हर कोई हैरान रह गया था। यह गाना सिर्फ एक डांस नंबर नहीं, बल्कि बॉलीवुड के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया है, जो अपनी भव्यता और कोरियोग्राफी के लिए जाना जाता है।

फर्श पर लेटकर की कोरियोग्राफी

इस आईकॉनिक गाने के पीछे की कहानी भी उतनी ही प्रेरणादायक है जितनी कि इसका प्रदर्शन। मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने इस गाने को कोरियोग्राफ किया था, लेकिन। उस दौरान वह बेहद दर्द में थीं और गंभीर रूप से बीमार थीं। संजय लीला भंसाली ने खुद क्विंट से बात करते हुए बताया था कि 'डोला रे डोला' की शूटिंग के दौरान सरोज जी इतनी बीमार थीं कि वे खड़ी भी नहीं हो पा रही थीं और ऐसे में उन्होंने फर्श पर लेटकर ही पूरा गाना कोरियोग्राफ किया और लेटे-लेटे ही कलाकारों को निर्देश देती रहीं। उन्होंने लगभग 15 दिनों तक इसी अवस्था में शूटिंग की, लेकिन। उनके काम में संघर्ष का जरा भी निशान नहीं दिखता था।

दो सुपरस्टार्स को संभालना एक चुनौती

सरोज खान के लिए यह गाना कोरियोग्राफ करना एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इसमें माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय जैसी दो टॉप-टीयर और शानदार डांसर थीं और सरोज खान ने एक बार इस गाने के बारे में बात करते हुए कहा था कि वह दोनों में से किसी को भी यह महसूस नहीं कराना चाहती थीं कि उनके स्टेप्स अच्छे नहीं हैं या कोई खुद को अलग-थलग महसूस करे। उन्हें डर था कि दोनों में से कोई भी खुद को कमतर न समझे, लेकिन सौभाग्य से ऐसा कुछ नहीं हुआ और दोनों ने ही बेहतरीन प्रदर्शन किया।

सरोज खान के लिए खास था यह गाना

'डोला रे डोला' सरोज खान के करियर का सबसे मुश्किल गाना था और साथ ही उनकी कामयाबी की एक बड़ी मिसाल भी बना। इस गाने के दौरान सरोज खान काफी दबाव में थीं, क्योंकि उन्हें पता था कि दर्शक फ्रेम दर फ्रेम माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय के हाव-भाव और डांस स्टेप्स की तुलना करेंगे। ऐसे में वह दोनों को चमकने के लिए बराबर जगह देना चाहती थीं और उन्होंने दोनों ही उस दौर की टॉप एक्ट्रेस को गाने में पूरा स्पेस दिया, जिससे दोनों की प्रतिभा खुलकर सामने आ सके।

अस्पताल से भी काम की चिंता

सरोज खान की अपने काम के प्रति लगन और जुनून अविश्वसनीय था। 'देवदास' की रिलीज़ के तुरंत बाद, उनकी तबीयत और बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और जब संजय लीला भंसाली ऐश्वर्या के साथ उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे, तो वे हैरान रह गए। सरोज खान ने अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए भी गाने की चिंता की और पूछा, 'डोला रे डोला पर पैसे मिले या नहीं और ' संजय लीला भंसाली ने 2020 में सरोज खान के निधन के बाद सुभाष के झा को बताया था कि यह उनके काम के प्रति उनके जुनून का प्रमाण था कि उस अवस्था में भी वह जानना चाहती थीं कि उनके काम को सराहा जा रहा है या नहीं। यह घटना सरोज खान की असाधारण प्रतिबद्धता और कला के प्रति उनके गहरे प्रेम को दर्शाती है, जिसने 'डोला रे डोला' को एक अमर कृति बना दिया।