Bollywood / सरोज जी के साथ सभी गानों की शूटिंग का एक्सपीरियंस शानदार रहा- माधुरी दिक्षित

Zoom News : Jul 13, 2020, 07:47 PM

by News Helpline . Mumbai | संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी माधुरी दिक्षित की सुपरहिट फिल्म "देवदास" को रिलीज़ हुए 18 साल हो गए हैं। ये फिल्म 12 जुलाई को 2002 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म में माधुरी के अलावा ऐश्वर्या राय और शाहरुख खान भी लीड रोल में थे। फिल्म ने रविवार को अपने 18 साल पूरे कर लिए है। 

फिल्म के 18 साल पूरे करने पर माधुरी ने एकबार फिर अपने डांस मास्टर सरोज खान को याद किया है। इस फिल्म के गाने "मार डाला" को भी सरोज खान ने ही कोरियोग्राफ किया था। 

दरअसल माधुरी ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो सरोज खान के साथ 'मारा डाला' गाने पर डांस करते दिखाई दे रहीं हैं। वीडियो शेयर करते हुए माधुरी ने लिखा, "आज जब हम देवदास की रिलीज की 18वीं सालगिरह मना रहे हैं, तो मैं इसे उन्हें समर्पित करना चाहूंगी जो फिल्मों में मेरी सबसे अच्छी डांस परफॉर्मेंस में से एक के पीछे थीं- सरोज जी।" 

माधुरी ने आगे अपने पोस्ट में सरोज खान के बारे में बताते हुए लिखा, "सरोज जी के साथ किसी भी गाने को शूट करना हमेशा की तरह शानदार अनुभव होता था। देवदास बहुत ही स्पेशल फिल्म थी, क्योकि इस फिल्म के सारे गाने बहुत ही ग्रैंड थे। मैंने कभी उनके साथ इस तरह का गाना नहीं किया था। हमने बहुत सारे इंडियन गाने किये थे, लेकिन इस तरह का क्लासिकल डांस नहीं और सरोज जी सेमी क्लासिकल डांसर थी। वो कहती थी," ये जरा कत्थक स्टाइल है, संभाल लेना "। आज वो हमारे साथ नहीं हैं , पर ये वो बातें है जो मुझे हमेशा याद रहेंगी।

 'मार डाला के कई स्टेप्स बेहद कठिन थे'

देवदास के सारे गानों पर हमने बहुत मेहनत कि थी। हम सारी रात शूट किया करते थे, शाम 7 बजे से लेकर सुबह होने तक। जब भी मैंने सरोज जी के साथ काम किया, हमने कभी नहीं सोचा की स्टेप्स कितने आसान हो सकते है, पर हमेशा इस बात पर जोर रहा की हम इसे कितना कठिन कर सकते है। "मार डाला" में भी ऐसे कितने क्षण है, जो काफी कठिन थे ऐसा ही एक स्टेप था जहाँ मुझे अपने घुटने पर घूमना था और नीचे झुककर 'मार डाला' स्टेप करना था। पर जब भी मैं अपने घुटने पर घूमती थी, मैं फिसल जाती थी,पर हम बहुत ही निश्चित थे कि हम ऐसे ही इस मूवमेंट को करना चाहते हैं। इस गाने को लेकर हम काफी उत्साहित थे

जिस तरह सरोज जी ने 'मार डाला' को चित्रित किया, बहुत ही सुन्दर है। इस गाने में ऐसे काफी सारे मूवमेंट्स हैं जो काफी कठिन हैं, एक शॉट ऐसा है जहाँ  'मार डाला' चार पांच तरीको से कहा जाता है| सरोज जी ने आईडिया निकाला कि इसे मूवमेंट्स में करने के जगह क्यों न हम चेहरे से अभिव्यक्त करें? एक 'मार डाला' जैसे आश्चर्य, एक जैसे उदास 'मार डाला', फिर एक वैसा जैसे मुझे पता है कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते पर मैं करती हूँ इस तरह से इस गाने में हमनें काफी बार 'मार डाला' की अलग अलग अभिव्यक्ति दिखाई। इस गाने में सुंदरता है, पीड़ा है, खुशी है, इसमें वो सारे भाव हैं जो चंद्रमुखी ने महसूस किये हैं, और सरोज जी ने वो सारे भाव बहुत ही सुंदरता से चित्रित किये

मुझे आज भी याद है जब शूट पैकउप हुआ, सरोज जी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी, वो काफी खुश थी मेरी परफॉरमेंस से|"

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