Telangana / भारत के इस राज्‍य में मुस्लिम शादियों के लिए अब AADHAR जरूरी, नाबालिग के विवाह पर नपेंगे काजी

Zoom News : Dec 25, 2022, 03:57 PM
Aadhaar Mandatory for Muslim Marriages: तेलंगाना सरकार ने कम उम्र की मुस्लिम लड़कियों की शादी कराने वाले काजियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है. सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड (Waqf Board) को भी सभी शादियों का ब्योरा ऑनलाइन रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया गया है. काजियों से कहा जा रहा है कि वे यह पहचानें कि दूल्हा-दुल्हन बालिग हैं या नहीं. यदि दूल्हा-दुल्हन बालिग हों, तो ही निकाह पढ़ाएं.

सरकार ने यह फैसला नाबालिग लड़कियों की अरब के पुरुषों से शादी किए जाने की शिकायतें मिलने के बाद लिया है. सरकार की ओर से बाल विवाह (Child Marriage) की रोकथाम को सुनिश्चित करने के लिए शादी के लिए वर-वधू का आधार कार्ड (Aadhaar card) अनिवार्य कर दिया गया है तथा किसी अन्य पहचान पत्र के आधार पर शादी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. खास तौर पर, काजियों को आधार कार्ड के आधार पर दूल्हा-दुल्हन के बालिग होने या न होने की पहचान करने का निर्देश दिया गया है.

..तो काजियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

मुस्लिम लड़कियों के निकाह के तुरंत बाद शादी का विवरण वक्फ बोर्ड को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, ऐसा न करने पर काजियों और अन्‍य शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इतना ही नहीं, काजियों की नियुक्ति को लेकर भी सरकार एक बदलाव किया है. पहले काजियों की नियुक्ति अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Department of Minority Welfare) द्वारा की जाती थी, लेकिन अब इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है. अब जिला कलक्टर आवेदन की समीक्षा कर अपनी संस्तुति विभाग को प्रस्तुत करेंगे. 

मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन करने होंगे

सरकार की ओर से मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन उपलब्ध कराने के आदेश भी जारी किए गए हैं. अभी तक शादी के सारे मामले लिखित में होते हैं. राज्य भर में कहीं भी शादी होती है, तो उसका प्रमाण पत्र लेने के लिए हैदराबाद के हज हाउस से संपर्क करना पड़ता है. हालांकि अब जब मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन उपलब्ध होंगे तो दूल्हा-दुल्हन को भी फायदा होगा.

तेलंगाना देश का एकमात्र राज्य, जहां ये व्‍यवस्‍था

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मुहम्मद मसीहुल्लाह खान ने कहा है कि अब तेलंगाना देश का एकमात्र राज्य है जहां मुस्लिम शादी के सभी विवरण ऑनलाइन पंजीकृत होंगे. पिछली शादियों के अलावा, सभी मौजूदा शादियों का ब्‍यौरा वक्फ बोर्ड के पास होगा. कानून के जानकारों का कहना है कि, इससे फर्जीवाड़ा रोकने में काफी मदद मिलेगी.

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