India-Pakistan War / PAK की LoC पर भारी फायरिंग, 3 भारतीयों की मौत, इंडियन आर्मी का भी करारा जवाब

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने एलओसी पर गोलीबारी की, जिसमें 3 नागरिक मारे गए। भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। हालात को देखते हुए सीमावर्ती जिलों में सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए।

India-Pakistan War: भारत ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ कठोर रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई 6-7 मई 2025 की रात करीब 1:30 बजे की गई, जिसमें पाकिस्तान के तीन आतंकियों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है। इस सटीक और संयमित एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से बौखलाहट देखी गई और उसने अपनी नापाक हरकतें जारी रखते हुए नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलीबारी की।

निर्दोष नागरिकों पर हमला

पाकिस्तान की ओर से की गई इस अंधाधुंध फायरिंग में तीन निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान चली गई, जिसमें एक महिला की मौत की पुष्टि पुंछ के जिला अधिकारी ने की है। पाकिस्तान की इस गोलीबारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आतंक को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहा। जवाब में भारतीय सेना ने भी पूरी ताकत से कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तान को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

एलओसी पर लगातार तनाव

6-7 मई की रात पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों — पुंछ, राजौरी, सांबा, कठुआ और कुपवाड़ा — में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर तोपखाने और मोर्टार से हमला किया। इससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और लोग अपनी सुरक्षा के लिए अंडरग्राउंड बंकरों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। जम्मू मंडलायुक्त ने एहतियातन सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद करने के निर्देश दिए हैं।

भारत की रणनीतिक जवाबदेही

पहलगाम हमले के बाद से ही भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि आतंक के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा। ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति का परिणाम है, जिसमें भारत ने न सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया, बल्कि वैश्विक मंच पर यह संदेश भी दिया कि वह संयम रखते हुए सटीक कार्रवाई करने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे भारत की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी स्पष्ट होती है।