India Pakistan Minority / अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान को लगाई लताड़, अपने रिकॉर्ड पर झांकने की दी सलाह

भारत ने अल्पसंख्यकों को लेकर पाकिस्तान की चिंता को खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को अपने ही देश में अल्पसंख्यकों के दयनीय हालात पर ध्यान देने की सलाह दी, जहां हिंदू और ईसाई समुदायों को लगातार प्रताड़ित किया जाता है और जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें आम हैं।

भारत ने अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा की गई टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को अपने ही देश में अल्पसंख्यकों के दयनीय हालात पर ध्यान देने की कड़ी सलाह दी। है, जहां हिंदू और ईसाई समुदायों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है और जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें आम हैं। यह मामला तब सामने आया जब पाकिस्तान ने भारत में अल्पसंख्यकों के। कथित उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की, जिस पर भारत ने करारा जवाब दिया।

पाकिस्तान की ओर से लगाए गए आरोप

दरअसल, यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर कुछ झूठे बयान जारी किए। अंद्राबी ने अपने बयान में भारत पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और क्रिसमस के दौरान हुई कुछ घटनाओं का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन घटनाओं पर ध्यान देने और हस्तक्षेप करने की अपील भी की। पाकिस्तान ने भारत पर यह गंभीर आरोप भी लगाया कि वह मुसलमानों के बीच भय और अलगाव को गहरा कर रहा है, जिससे भारत में सांप्रदायिक सद्भाव को खतरा पैदा हो रहा है। इन आरोपों का उद्देश्य भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर धूमिल करना था।

भारत का करारा जवाब

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारत को लेकर की गई इन भ्रामक टिप्पणियों के। जवाब में, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक तीखा बयान जारी किया। रणधीर जयसवाल ने पाकिस्तान को उसकी अपनी ही कमजोरियों और खराब रिकॉर्ड के लिए बुरी तरह से लताड़ लगाई। जयसवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत उस देश के कथित बयानों को पूरी तरह से खारिज करता है, जिसका इस मोर्चे पर खुद का रिकॉर्ड बेहद खराब है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान द्वारा विभिन्न धर्मों के अल्पसंख्यकों का भयावह उत्पीड़न एक स्थापित और जगजाहिर तथ्य है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की उंगली उठाने से यह। सच्चाई अस्पष्ट नहीं होगी और पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।

जबरन धर्म परिवर्तन और उत्पीड़न

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को उसके अपने देश में अल्पसंख्यकों की बदतर होती स्थिति की याद दिलाई और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए हालात हर रोज बदतर होते चले जा रहे हैं। देश में रह रहे हिंदू और ईसाई समुदाय के लोगों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है। इन समुदायों के सदस्यों को अक्सर सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने और उनके धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं भी अक्सर सामने आती रहती हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का एक सबसे भयावह पहलू हिंदू महिलाओं और नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन है। हर रोज पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों से ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं, जहां हिंदू और ईसाई लड़कियों का अपहरण कर उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवाया जाता है और फिर उनकी शादी मुस्लिम पुरुषों से कर दी जाती है। इन घटनाओं पर स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से अक्सर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं। यह स्थिति अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय है।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की दोहरी नीति

भारत ने पाकिस्तान की इस दोहरी नीति को उजागर किया है, जहां वह एक ओर भारत में अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त करता है, वहीं दूसरी ओर अपने ही देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को भारत। को 'ज्ञान' देने से पहले अपने आंतरिक मामलों को सुधारना चाहिए। यह बयान पाकिस्तान को उसकी अपनी विफलताओं का आईना दिखाता है और उसे आत्मनिरीक्षण करने की सलाह देता है। भारत ने यह भी रेखांकित किया कि पाकिस्तान का यह कदम केवल ध्यान भटकाने की एक कोशिश है, ताकि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों के प्रति अपने अमानवीय व्यवहार से दुनिया का ध्यान हटा सके।