ISRO News / भारत अगले 5 सालों में 50 सैटेलाइट लॉन्च करेगा- चीन और पाक की अब खैर नहीं!

Zoom News : Dec 29, 2023, 10:35 AM
ISRO News: साल 2023 को याद करने की कई वजहें हो सकती हैं. पर उनमें से एक जो सबसे अहम घटनाक्रम इस साल हुआ, वो था चंद्रयान 3 की लांचिंग. इसके लिए इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की खूब वाहवाही हुई. अब साल के आखिर में इसरो ने एक और महत्त्वपूर्ण ऐलान कर दिया है. इसरो के चेयरमैन श्रीधर सोमनाथ ने कहा है कि भारत अगले पांच बरसों में 50 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. इन उपग्रहों के जरिये जियो-इंटेलिजेंस जुटाएगा. आसान भाषा में अगर कहें तो ये सैटेलाइट खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में भारत की मदद करेंगे.

सैटेलाइट: 10 गुना बढ़ाने की है जरुरत

इसरो प्रमुख के मुताबिक सैटेलाइट को अगल-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा. इसके सहारे हजारों किलोमीटर के दायरे के सेना की गतिविधियों और तस्वीरों को देखा जा सकेगा. एस सोमनाथ आईआईटी बॉम्बे की टेकफेस्ट में भाग ले रहे थे. टेकफेस्ट आईआईटी बॉम्बे की और से हर साल आयोजित होने वाला साइंस एंड टेक्नोलॉजी का कार्यक्रम है.

इसरो चेयरमैन ने कहा कि एक मजबूत देश के तौर पर उभरने के लिए भारत का मौजूदा सैटेलाइट का बेड़ा पर्याप्त नहीं है. इसरो प्रमुख का कहना था कि सैटेलाइट की संख्या को दस गुना तक बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से डेटा का अध्ययन किया जा सके. साथ ही स्पेसक्राफ्ट को लेकर इसरो प्रमुख का कहना था कि यह पड़ोसी देशों की भी जानकारी जुटाने में सक्षम है.

फिलहाल 54 उपग्रहों का बेड़ा

अगले पांच सालों में हमें किस तरह के उपग्रहों की जरुरत है, यह पहले ही इसरो ने पता कर लिया है. अगले पांच साल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की ये कोशिश होगी एक-एक कर इनको स्थापित किया जाए. एस. सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इतने बड़े पैमाने पर उपग्रहों को लॉन्च कर लेता है तो देश अपने बहुत सारे खतरों को कम कर सकता है.

भारत के पास फिलहाल 54 उपग्रहों का बेड़ा है. सोमनाथ का कहना था कि यह कम से कम दस गुना होना चाहिए. इस तरह इसरो प्रमुख का कहना था कि भारत को तकरीबन 550 उपग्रहों का बेड़ा तैयार करने की आवश्यकता है. तभी जाकर भारत अपनी निगेहबानी अच्छी तरह कर पाएगा.

आईआईटी बंबई के कार्यक्रम में शामिल हुए इसरो चीफ

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बंबई के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समारोह ‘टेकफेस्ट’ को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि बदलावों का पता लगाने, आंकड़ों के विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से संबंधित और डेटा आधारित प्रयासों के मामले में उपग्रहों की क्षमता बढ़ाना अहम है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत राष्ट्र बनने की भारत की आकांक्षा को साकार करने के लिए, इसके उपग्रह बेड़े का वर्तमान आकार पर्याप्त नहीं है और इसे ‘‘आज की क्षमता के मुकाबले दस गुना’’ होना चाहिए। 

अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम 

उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम हैं। सोमनाथ ने कहा, ‘‘यह सब उपग्रहों से देखा जा सकता है। हम इसे संभालने के लिए उपग्रह प्रक्षेपित कर रहे हैं, लेकिन अब सोचने का एक अलग तरीका है और हमें इसे और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है क्योंकि (किसी भी) राष्ट्र की शक्ति उसकी यह समझने की क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है।’’ 

इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को अंतिम रूप देने के लिए उनका संयोजन कर लिया है और इसे अगले पांच वर्षों से अधिक समय में इस विशेष भू-खुफिया जानकारी संग्रह में सहायता के लिहाज से भारत के लिए भेजा जा रहा है।’’ सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इस स्तर पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है तो देश के सामने आने वाले खतरों को बेहतर तरीके से कम किया जा सकता है। (इनपुट-भाषा)

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