टोक्यो ओलंपिक्स / भारतीय रेसलर विनेश टोक्यो ओलंपिक्स में क्वॉर्टर-फाइनल में हारीं, कांस्य की दौड़ में बरकरार

भारत की 26-वर्षीय रेसलर विनेश फोगाट टोक्यो ओलंपिक्स में महिलाओं के 53 किलोग्राम फ्रीस्टाइल इवेंट के क्वॉर्टर-फाइनल में बेलारूस की 28-वर्षीय वैनेसा कलादज़िंस्काया से हार गई हैं। वैनेसा के फाइनल में पहुंचने पर विनेश को रेपेशाज के ज़रिए कांस्य पदक मैच खेलने का मौका मिल सकता है। भारत के रेसलर रवि दहिया आज अपना स्वर्ण पदक मैच खेलेंगे।

टोक्यो: 53 किलो भार वर्ग में विनेश फोगाट अपने प्रतिद्वंदी बेलारूस की वनेसा के जोरदार पंच के सामने नहीं टिक सकीं. बेलारूस की Vanes kaladzinskyaya के हाथों उन्हें 3-9 से शिकस्त मिली है. विनेश के पास मेडल जीतने का मौका है, लेकिन इसके लिए विनेश को  Vanes kaladzinskyaya के परफॉर्मेंस पर निर्भर होना होगा.  अगर वनेसा फाइनल में पहुंचती हैं तभी विनेश के लिए कांस्य पदक का रास्ता खुलेगा.  इसके लिए रेपचेज नियम को समझना जरूरी है.

क्या होती है रेपचेज और कैसा है नियम ?

रेपचेज शब्द  फ्रांसीसी शब्द रेपेचर आया है. इसका मतलब बचाव करना. इंटरनेशनल रेसलिंग यानि कुश्ती में रेपचेज राउंड किसी भी खिलाड़ी के लिए हार को भुलाकर वापसी करने का मौका होता है. जो भी पहलवान अपने शुरुआती मुकाबले में हारकर बाहर हो जाते हैं उनके पास मेडल जीतने का मौका होता है. ऐसा तभी संभव है जब वो खिलाड़ी फाइनल में पहुंच जाए जिसने उसे हराया था. ऐसा होने पर कांस्य पदक जीतने के लिए शुरुआती राउंड में हारे खिलाड़ियों को मौका मिलता है.

पहला मुकाबला जीती थीं विनेश

विनेश फोगाट ने आज अपने पहले मुकाबले में स्वीडन की पहलवान सोफिया मैटसन को 7-1 से शिकस्त दी थी. सोफिया मैटसन रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी थीं, लेकिन विनेश ने उन्हें 7-1 आसानी से शिकस्त देकर महिलाओं के 53 किलो भारवर्ग के मुकाबले में क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर गईं.