Bullet Train / मुंबई-अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी भारत की देसी बुलेट ट्रेन, वंदे भारत को मिलेगा नया रूप?

भारत में पहली बुलेट ट्रेन महाराष्ट्र के मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर चलने वाली है, लेकिन जापानी Shinkansen ट्रेनों में देरी हो रही है। इस बीच, रेल मंत्रालय ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए सिग्नलिंग सिस्टम के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं, जिससे 2027 तक इन ट्रेनों को 280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा।

Vikrant Shekhawat : Jan 22, 2025, 02:20 PM
Bullet Train: भारत में पहली बुलेट ट्रेन का सपना अब धीरे-धीरे हकीकत की ओर बढ़ रहा है। इस बुलेट ट्रेन का संचालन महाराष्ट्र के मुंबई से अहमदाबाद के बीच होने वाला है, जो एक हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा। हालांकि, जापानी Shinkansen बुलेट ट्रेनों की खरीद में होने वाली देरी ने रेलवे मंत्रालय को एक नया कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। मंत्रालय ने एक सिग्नलिंग सिस्टम के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं, जो वंदे भारत ट्रेनों को इस मार्ग पर 280 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चलने की अनुमति देगा। इस फैसले से यह संभावना जताई जा रही है कि जब तक Shinkansen बुलेट ट्रेनें भारत नहीं आतीं, तब तक वंदे भारत ट्रेनें इस मार्ग पर हाई स्पीड में दौड़ेंगी।

Shinkansen बुलेट ट्रेनें आने में देरी

भारतीय रेल मंत्रालय ने पहले दावा किया था कि जापानी Shinkansen बुलेट ट्रेनें अगस्त 2026 तक सूरत-बिलिमोरा सेगमेंट पर शुरू हो जाएंगी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो चुका है कि इन ट्रेनों का भारत में संचालन 2030 से पहले संभव नहीं होगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि पूरे मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर इन ट्रेनों का संचालन 2033 से पहले शुरू होने की संभावना नहीं है। यह परियोजना 2017 में शुरू हुई थी, जब इसकी आधारशीला रखी गई थी।

भारत की स्वदेशी बुलेट ट्रेन: वंदे भारत

शिंकानसेन बुलेट ट्रेन के भारत में आने में देरी के बावजूद, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHRSCL) ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर वंदे भारत ट्रेनों के लिए सिग्नलिंग सिस्टम की निविदाएं निकाली हैं। ये वंदे भारत ट्रेनें भारत की स्वदेशी बुलेट ट्रेन के रूप में विकसित की जा रही हैं। इन ट्रेनों को यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ETCS) लेवल-2 से लैस किया जाएगा, जो जापान के डीएस-एटीसी सिग्नलिंग सिस्टम से अलग है। इस सिग्नलिंग सिस्टम के जरिए वंदे भारत ट्रेनों को 280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने का लक्ष्य रखा गया है।

वंदे भारत ट्रेनें: 2027 से शुरू

सिग्नलिंग सिस्टम की डिप्लॉयमेंट के बाद, इस कॉरिडोर पर वंदे भारत ट्रेनों का वाणिज्यिक परिचालन 2027 में शुरू होने की संभावना है। इसके लिए सात साल का अनुबंध अवधि रखा गया है, जो काम मिलने की तारीख से लागू होगा। इस दौरान, सिग्नलिंग और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली का डिजाइन, निर्माण, सप्लाई, इंस्टॉलेशन और मैंटेनेंस किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि हाई-स्पीड कॉरिडोर पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और सुचारु रूप से हो सके।

निष्कर्ष

भारत में बुलेट ट्रेन का सपना अब पूरी तरह से नया मोड़ ले चुका है। Shinkansen ट्रेनें भले ही अभी देरी से आएं, लेकिन वंदे भारत ट्रेनों के जरिए भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीकी क्षमता का लोहा मनवाया है। इन ट्रेनों के संचालन से न सिर्फ देश की रेलवे का विकास होगा, बल्कि भारत को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में भी एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।