प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. उन्होंने यदुवंश के अस्तित्व और भगवान श्रीकृष्ण से उनके संबंध को लेकर दिए गए अपने एक पुराने बयान पर उपजे विवाद के बाद यह कदम उठाया है. यह बयान हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. था, जिसके बाद यादव समाज में चौतरफा विरोध और आक्रोश देखने को मिला. उपाध्याय ने एक भावुक वीडियो संदेश जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और अपनी टिप्पणी से हुई किसी भी पीड़ा के लिए क्षमा याचना की है.
अपने वीडियो संदेश में, इंद्रेश उपाध्याय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी समाज या समुदाय की भावनाओं को आहत करना बिल्कुल नहीं था और उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि उनके शब्दों से यादव समाज को किसी भी प्रकार की पीड़ा पहुंची है, तो वे इसके लिए हृदय से क्षमाप्रार्थी हैं. उपाध्याय ने यह भी बताया कि यह पूरा विवाद लगभग 4 से 5 साल पुरानी एक कथा से जुड़ा है. उन्होंने यह भी साफ किया कि उनके मन में यादव समाज के प्रति सदैव सम्मान. रहा है और भविष्य में भी रहेगा, जो उनके वक्तव्य की सत्यनिष्ठा को दर्शाता है.
भावनाओं को ठेस न पहुंचाने का संकल्प
उपाध्याय ने वीडियो में एक भावुक अपील करते हुए कहा कि. उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना कतई नहीं था. उन्होंने स्पष्ट किया, "यदि मेरे किसी शब्द से यादव समाज को पीड़ा हुई है, तो मैं इसके लिए हृदय से क्षमाप्रार्थी हूं. भारत के सभी यादव मेरे अपने हैं. हम सब एक ही संस्कृति और एक ही ईष्ट, भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी हैं. " यह बयान समाज के भीतर एकता और साझा धार्मिक पहचान पर जोर देने के लिए था, ताकि गलतफहमी को दूर किया जा सके.
अराजक तत्वों पर विवाद भड़काने का आरोप
अपनी सफाई में इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि उनके मन का भाव किसी भी यादव भाई को कष्ट देना नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि उनके बहुत से मित्र और परिचित यादव समाज से आते हैं, जो उनके इस समुदाय के साथ गहरे संबंधों को दर्शाता है. उन्होंने आगे कहा, "हम सब एक हैं और कई बार अराजक तत्व पुरानी बातों को गलत तरीके से पेश कर हमें आपस में लड़वाना चाहते हैं. " उपाध्याय ने दृढ़ता से कहा कि यादव समाज का एक गौरवशाली इतिहास रहा. है और उनके मन में इस समाज के प्रति हमेशा सम्मान का भाव रहा है.
विवाद की जड़: 4-5 साल पुराना वीडियो
इस पूरे विवाद की शुरुआत इंद्रेश उपाध्याय की लगभग 4 से 5 साल पुरानी एक कथा के वीडियो से हुई, जो हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो गया. इस वीडियो क्लिप में, उपाध्याय कथित तौर पर यादव समाज को भगवान श्रीकृष्ण के वंशज से जुड़ी कुछ बातें कहते हुए दिखाई दे रहे थे और इन टिप्पणियों को यादव समाज के इतिहास और भगवान कृष्ण से उनके संबंध को लेकर गलत व्याख्या के रूप में देखा गया, जिसने बड़े पैमाने पर आक्रोश को जन्म दिया.
यादव समाज में व्यापक आक्रोश और चेतावनी
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, मथुरा सहित पूरे उत्तर प्रदेश में यादव समाज के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया. समाज के विभिन्न संगठनों और प्रबुद्धजनों ने उपाध्याय के बयान की कड़ी निंदा की और उन्होंने इसे शास्त्रों और इतिहास के साथ खिलवाड़ बताया, जो समुदाय की भावनाओं को सीधे तौर पर आहत करता है. यादव समाज के नेताओं ने चेतावनी दी थी कि यदि इंद्रेश उपाध्याय ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस दबाव के परिणामस्वरूप ही उपाध्याय ने यह माफीनामा जारी किया.
यह घटना धार्मिक और ऐतिहासिक संदर्भों की संवेदनशीलता को उजागर करती है, खासकर जब वे किसी समुदाय की पहचान और वंशावली से जुड़े हों. इंद्रेश उपाध्याय की भावुक माफी का उद्देश्य इस विवाद को शांत करना और समाज में सद्भाव बहाल करना है, जो भारत की विविध संस्कृति में साझा विश्वास और आपसी सम्मान के महत्व पर जोर देता है.