IPL Auction 2026 / विदेशी खिलाड़ियों पर 18 करोड़ की सीमा, BCCI को मिलेगा अतिरिक्त पैसा

IPL 2026 मिनी ऑक्शन 16 दिसंबर को अबू धाबी में होगा। एक नए नियम के तहत, विदेशी खिलाड़ियों को 18 करोड़ रुपये से अधिक नहीं मिल पाएंगे, भले ही उन पर कितनी भी ऊंची बोली लगे। अतिरिक्त राशि BCCI के पास जाएगी, जिसका उपयोग खिलाड़ियों के कल्याण के लिए किया जाएगा।

आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन के लिए सभी टीमों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं,। और इस बार यह महत्वपूर्ण आयोजन 16 दिसंबर को अबू धाबी में होने जा रहा है। यह ऑक्शन क्रिकेट जगत में एक बड़ा इवेंट है, जहां दुनिया भर के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमाते हैं और टीमें अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देती हैं और आईपीएल, जो दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली क्रिकेट लीग है, ने कई खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और अपार धन कमाने का अवसर दिया है। इस बार के मिनी ऑक्शन में एक विशेष नियम लागू होगा, जो विदेशी खिलाड़ियों की कमाई पर सीधा असर डालेगा। आईपीएल के नियमों के अनुसार, मिनी ऑक्शन में किसी भी विदेशी खिलाड़ी को अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिल पाएंगे, भले ही उस पर कितनी भी ऊंची बोली क्यों न लगे। यह नियम 'अधिकतम शुल्क नियम' के तहत आता है, जो यह निर्धारित करता है कि किसी विदेशी खिलाड़ी की अधिकतम कीमत हाईएस्ट रिटेंशन स्लैब और पिछले मेगा ऑक्शन में सबसे ज्यादा रुपए पर खरीदे गए खिलाड़ी की कीमत में से, जो भी कम होगी, वह पैसा विदेशी खिलाड़ी को मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी दोनों की रणनीतियों को प्रभावित करेगा।

नियम का विस्तृत विश्लेषण

इस बार, हाईएस्ट रिटेंशन स्लैब 18 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। वहीं, पिछले मेगा ऑक्शन में ऋषभ पंत सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे, जिन्हें 27 करोड़ रुपये मिले थे और आईपीएल के अधिकतम शुल्क नियम के अनुसार, इन दोनों राशियों में से जो भी कम होगी, वही विदेशी खिलाड़ी को मिलेगी। इस स्थिति में, 18 करोड़ रुपये की राशि कम है, इसलिए आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन में किसी भी विदेशी खिलाड़ी पर कितनी भी बड़ी बोली क्यों न लग जाए, उसे अधिकतम 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। यह नियम सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि एक निश्चित। सीमा से अधिक न हो, भले ही उनकी बाजार कीमत इससे कहीं अधिक हो। **अतिरिक्त बोली राशि का क्या होगा? यह नियम केवल खिलाड़ी को मिलने वाली राशि पर लागू होता। है, न कि टीम द्वारा खर्च की जाने वाली राशि पर। उदाहरण के तौर पर, यदि आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन में कोई टीम किसी विदेशी प्लेयर को 20 करोड़ रुपये में खरीद लेती है, तो उस खिलाड़ी को ज्यादा से ज्यादा 18 करोड़ रुपये ही मिल पाएंगे। बची हुई दो करोड़ रुपये की राशि सीधे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पास जाएगी। BCCI इस अतिरिक्त राशि का उपयोग खिलाड़ियों के कल्याण के लिए करेगा, जो क्रिकेट के विकास और खिलाड़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक होगा। हालांकि, जिस भी टीम ने 20 करोड़ की बोली लगाई है, उसके पर्स से। पूरे 20 करोड़ रुपए कट जाएंगे, जिससे उनकी बजट योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।

टीमें और उनकी रणनीतियाँ

इस नियम के बावजूद, टीमें अभी भी अपनी पसंदीदा विदेशी खिलाड़ियों को हासिल करने के लिए बड़ी बोली लगा सकती हैं। आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के पास सबसे ज्यादा 64 और 30 करोड़ रुपये की रकम बची हुई है, जो उन्हें कई बड़े खिलाड़ियों पर बोली लगाने की छूट देती है। वहीं, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पास भी 43. 40 करोड़ रुपये बचे हुए हैं और ये दोनों टीमें, जिनके पास पर्याप्त पर्स है, इस ऑक्शन में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं और अपनी टीम को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रूप से खर्च कर सकती हैं। हालांकि, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि उनके पर्स से पूरी बोली राशि कटेगी, भले ही खिलाड़ी को कम मिले।

ऑक्शन का महत्व और भविष्य की दिशा

यह मिनी ऑक्शन न केवल टीमों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि उन 359 खिलाड़ियों के लिए भी है जिन्हें शॉर्टलिस्ट किया गया है। इनमें से केवल 77 खिलाड़ियों को ही खरीदा जा सकेगा, जिसमें 31 विदेशी खिलाड़ी शामिल होंगे। यह नियम आईपीएल के वित्तीय ढांचे में एक नया आयाम जोड़ता है, जिससे खिलाड़ियों के वेतन और टीमों के खर्च के बीच एक संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि टीमें इस नए नियम के तहत अपनी बोली लगाने की रणनीतियों को कैसे अपनाती हैं और कौन से खिलाड़ी इस ऑक्शन में सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करते हैं। यह नियम आईपीएल की वित्तीय स्थिरता और खिलाड़ियों के कल्याण के प्रति BCCI की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।