West Bengal News / क्या बंगाल राष्ट्रपति शासन में लगने जा रहा है? फैक्ट फाइंडिंग टीम ने राज्यपाल से की मुलाकात

Zoom News : Feb 26, 2024, 08:24 AM
West Bengal News: संदेशखाली इन दिनों देश की राजनीति के केंद्र में आ चुका है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि टीएमसी के कुछ नेताओं द्वारा संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया है और उनकी जमीनों को कब्जा किया गया है। साथ ही संदेशखाली में जिसने भी इस तरह की घटनाओं का विरोध करना चाहा, तो उसकी पिटाई की गई और मारने की धमकी भी दी गई। ऐसे में संदेशखाली अब राजनीति के केंद्र में आ चुका है और सबकी जुबान पर संदेशखाली का नाम सुनाई दे रहा है। भाजपा और कांग्रेस द्वारा लगातार पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधा जा रहा है और ममता बनर्जी के खिलाफ बयान दिया जा रहा है।

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने राज्यपाल से की मुलाकात

इस बीच बीते दिनों संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। हालांकि रविवार की सुबह उन्हें लाल बाजार पुलिस हेडक्वार्टर से रिहा भी कर दिया गया। इस बीच फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की है। उ्नहोंने राज्यपाल से मुलाकात कर संदेशखाली मुद्दे पर अपनी राय बताई है। उन्होंने कहा कि हम संदेशखाली जाने के लिए निकले, लेकिन पुलिसवालों ने हमें रोक लिया। करीब एक से डेढ़ घंटे बाद हमें अरेस्ट किया और फिर रिहा कर दिया गया। इस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि हमारे साथ आज जो कुछ हुआ है। वो राज्यपाल को हमने बता दिया है। हमारी भी राष्ट्रपति शासन लागू करने की राय है। एक नागरिक के रूप में जब हम वहां नहीं जा सकते, जहां धारा 144 भी लागू नहीं की गई है, तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति कहीं और नहीं हो सकती।

फैक्ट फाइडिंग टीम को मिली धमकी

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने राज्यपाल से मुलाकात के दौरान कहा कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी। इस दौारन उन्हें धमकी भी दी गई, जिसका उन्होंने कड़ा विरोध भी किया। बता दें कि इस टीम का नेतृत्व पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नरसिम्हा रेड्डी और अन्य सदस्य कर रहे थे। इस मामले पर राज्यपाल ने तत्काल डीजीपी से रिपोर्ट तलब करने का आदेश जारी किया है। इससे पूर्व संदेशखाली जिले में महिलाओं पर हुए अत्याचार की जांच करने के लिए जा रही पटना उच्च न्यायलय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल नरसिंह रेड्डी की नेतृत्व वाली टीम को संदेशखाली जाने से रोक दिया गया था। इसके बाद टीम की 6 सदस्यों को लाल बाजार पुलिस हेडक्वार्टर में रखा गया, जिसके कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।

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