MP Election 2023 / शिवराज सिंह चौहान का रोल क्या बदलने वाला है, ये 5 संकेत दे रहे विदाई की गवाही?

Zoom News : Sep 27, 2023, 12:48 PM
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही अब किसी भी दिन आचार संहिता लागू हो सकती है. एक तरफ बीजेपी अपने उम्मीदवारों की तीन सूची जारी कर चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गतिविधियों ने लोगों को आश्चर्य में डाला दिया है. आचार संहिता लगने से पहले सीएम शिवराज ने अधिकारियों को बुलाकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने सभी मौजूदा मंत्रियों को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी याद किया और प्रदेश में उनके योगदान को सराहा.

उम्मीदवारों की तीन लिस्ट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री जिस तरह से अपनी बात रख रहे हैं, उसके बाद से मध्य प्रदेश की सियासत में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या शिवराज सिंह चौहान का रोल अब बदलने जा रहा है? मध्य प्रदेश की चुनावी कमान पीएम मोदी और अमित शाह ने संभाल ली है. चुनावी प्रचार अभियान के प्लान से लेकर उम्मीदवारों का चयन बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा तय किया जा रहा है.

मंगलवार को जिस तरह शिवराज सिंह की गतिविधियां रही हैं, उसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने तो इसे शिवराज की विदाई के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है. ऐसे में हम बताते हैं कि वो पांच सियासी संकेत जो शिवराज की विदाई की गवाही दे रहे हैं?

अधिकारियों और मौजूदा मंत्रियों को दिया धन्यवाद

चुनावी आचार संहित लगने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने सभी मौजूदा मंत्रियों, सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पहले अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के लिए सभी मंत्रियों और अधिकारियों का शुक्रिया अदा किया. इसके साथ ही उन्होंने करोना के दौरान पूरी लगन और मेहनत से कम करने के लिए अधिकारियों की टीम का आभार जताया. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के सफलतम क्रियान्वयन के लिए सभी को बधाई दी. शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह से अपने अधिकारियों से बात की और मौजूदा मंत्रियों को शुक्रिया अदा किया, उसे लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई. इसके साथ चर्चा यह होने लगी कि इस तरह से बात तो व्यक्ति तब करता है, जब उसका विदाई होती है.

एमपी के पूर्व सीएम के योगदान को सराहा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘मध्य प्रदेश की प्रगति और विकास में सभी मुख्यमंत्रियों ने अतुलनीय योगदान रहा है. मैं आज उन सभी के चरणों में प्रणाम करता हूं. इन सभी का मध्य प्रदेश के विकास में योगदान रहा है.’ शिवराज ने सभी मुख्यमंत्रियों का नाम लेते हुए कहा कि रविशंकर शुक्ल, भगवंत राय मंडलोई , कैलाशनाथ काटजू, द्वारका प्रसाद मिश्र, गोविंद नारायण सिंह, नरेंद्र चंद्र सिंह, श्यामाचरण शुक्ल, प्रकाश चंद्र सेठी, कैलाशचंद्र जोशी, वीरेंद्र कुमार सखलेचा, सुंदरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा और बाबूलाल गौर ने प्रदेश के विकास में योगदान के लिए उन्हें चरण वंदन करता हूं. इस तरह शिवराज ने बीजेपी ही नहीं कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के काम को सराहना किया, उसके भी सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं.

उम्मीदवारों को 13 घंटे बाद बधाई

बीजेपी ने अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट सोमवार देर शाम जारी की गई, पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने लिस्ट को सोशल मीडिया में शेयर करने के साथ-साथ बधाई देने लगे. लेकिन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दूसरी लिस्ट के जारी होने के 13 घंटे के बाद कैंडिडेट्स को बधाई दी, जिसके लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इसकी एक वजह यह भी रही कि लिस्ट में कई ऐसा नेता हैं, जिनके साथ उनके छत्तीस के आंकड़े रहे हैं.

चुनावी रण में उतरे बीजेपी के दिग्गज

बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को टिकट देकर विधानसभा के चुनावी मैदान में उतार दिया है. नरेंद्र तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे केंद्रीय मंत्रियों को प्रत्याशी बनाया है तो सांसदों में राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, गणेश सिंह और रिति पाठक को टिकट दिया गया है. बीजेपी ने शिवराज चौहान के समकक्ष नेताओं को विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा गया है, उनमें कई नेता सीएम बनने की महात्वकांक्षा जाहिर कर चुके हैं. बीजेपी ने इस बार किसी भी नेता को सीएम का चेहरा नहीं बनाया है और अब दिग्गज नेताओं को उतारकर सीएम चेहरे के विकल्प को खुला छोड़ दिया है, जो सीधे शिवराज के लिए संकेत माना जा रहा है.

पीएम मोदी ने नहीं किया सीएम का जिक्र

पीएम मोदी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रैली किया, लेकिन एक बार भी सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं लिया. सोमवार को भोपाल में जन आशीर्वाद यात्रा के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी ने न ही सीएम शिवराज का नाम लिया और न ही उनकी योजनाओं का जिक्र किया. पीएम मोदी मध्य प्रदेश जाकर शिवराज सिंह चौहान को इग्नोर कर रहे हैं तो उसके सियासी मायने हैं. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

कांग्रेस तो इसे शिवराज की विदाई के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है. दरअसल, बीजेपी की दूसरी लिस्ट में कई ऐसे नामों को शामिल किया गया है, जिन्हें सीएम चेहरा बनाने को लेकर चर्चाएं हो रही थीं. ऐसे में सीएम शिवराज की लेट बधाइयां देने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि क्या बीजेपी में दूसरी सूची जारी होने के बाद सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और जिस तरह से उनकी राजनीतिक गतिविधियां है, उससे ये बात साफ है कि शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक भूमिका कही बदली तो नहीं जा रही है?

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER