Trump Tariff War / क्या ट्रंप जानबूझकर कर मार्केट गिरा रहे हैं? एक पोस्ट से प्लान हुआ साफ

“जब रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था”—कुछ ऐसा ही ट्रंप के साथ हो रहा है। शेयर बाज़ार हिल गया है, मगर ट्रंप की रणनीति साफ़ है: डर फैलाओ, बॉन्ड्स में निवेश बढ़ाओ, ब्याज दर घटाओ। क्या यह मास्टरस्ट्रोक है या तबाही की तैयारी?

Trump Tariff War: आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी – “When Rome was burning, Nero was fiddling”, यानी जब रोम जल रहा था, तब नीरो बांसुरी बजा रहा था। यही हाल आज के दौर में डोनाल्ड ट्रंप का होता दिख रहा है। वैश्विक शेयर बाजार जब डगमगा रहे हैं, निवेशकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं, तब ट्रंप एक नई राजनीतिक-सामरिक चाल चल रहे हैं – और वो भी सोशल मीडिया पर खुलकर।

शेयर बाजार में भूचाल और ट्रंप का बयानी तीर

डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि वे अमेरिकी शेयर बाजार को जानबूझकर गिरा रहे हैं। वीडियो में इसे “वाइल्ड चेस मूव” यानी एक अनोखी, जोखिमभरी लेकिन रणनीतिक चाल बताया गया। इसके पीछे की सोच? शेयर बाजार से पूंजी को बॉन्ड्स में शिफ्ट कराना ताकि ट्रेजरी यील्ड्स कम हों, और फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें घटाने का दबाव पड़े।

इस प्रक्रिया में डॉलर कमजोर होगा, मॉर्गेज रेट्स गिरेंगी, और अमेरिकी सरकार के लिए कर्ज सस्ता हो जाएगा। एक अर्थशास्त्रीय दृष्टिकोण से देखें तो यह चाल एक अस्थायी आर्थिक झटका देकर दीर्घकालिक वित्तीय राहत पाने की रणनीति हो सकती है।

ट्रंप का असली एजेंडा?

2025 में अमेरिका को करीब $7.2 ट्रिलियन का कर्ज रिफाइनेंस करना है। ऐसे में अगर ब्याज दरें 4.3% से घटकर 3.3% तक आती हैं, तो सालाना $72 बिलियन की बचत संभव है। ट्रंप की रणनीति इस बचत को अन्य प्राथमिकताओं – जैसे रक्षा बजट या स्पेस मिशन – में निवेश करने की संभावना पर केंद्रित हो सकती है।

लेकिन सवाल यह उठता है – क्या यह चाल वाकई देशहित में है, या फिर यह एक राजनीतिक साजिश है? क्या ट्रंप जानबूझकर बाजार को गिरा रहे हैं ताकि खुद को एक संकटमोचक के रूप में पेश कर सकें?

हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड गेम

यह रणनीति साफ तौर पर "हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड" कैटेगरी में आती है। अगर सब कुछ ट्रंप की योजना के अनुसार चलता है, तो अमेरिका को वित्तीय राहत मिल सकती है। लेकिन अगर बाजार में गिरावट लंबी चली, तो महंगाई, बेरोजगारी, और आर्थिक अस्थिरता देश की जड़ों को हिला सकती है।

यह कदम वैश्विक बाजारों के लिए भी जोखिम भरा है। भारत, जापान, यूरोप – सब इस "रेसिप्रोकल टैरिफ" और निवेश ट्रेंड के असर में आ चुके हैं। निवेशकों का भरोसा हिलना शुरू हो गया है और बाजारों में अस्थिरता बढ़ रही है।

क्या यह सच में शतरंज की चाल है?

ट्रंप की यह चाल अगर शतरंज के खेल की तरह है, तो यह बहुत ही जोखिमभरी है – एक गलत चाल और पूरा बोर्ड पलट सकता है। इतिहास गवाह है कि बाजार की नब्ज़ के साथ खेलने वाले नेता अगर ज़्यादा आत्मविश्वासी हो जाएं, तो उनकी रणनीति बूमरैंग बन सकती है।