देश / अगर सभी सुरक्षित नहीं तो हम में से कोई भी सुरक्षित नहीं है: विदेश मंत्री जयशंकर

Zoom News : Aug 20, 2021, 07:42 AM
नई दिल्ली: हमें यह याद रखना होगा कि आतंकवाद उसी तरह से घातक है, जिस तरह से कोरोना। हममें से एक भी इससे सुरक्षित नहीं रहेगा, जब तब कि सभी सुरक्षित नहीं रहेंगे। यह बात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कही। वह आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से अत्यधिक प्रभावित रहा है। जयशंकर ने कहा, दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।

आतंकवाद से लड़ाई के संकल्प को कमजोर करने की इजाजत नहीं

इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। आईएसआईएस का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है, हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है। कहा कि व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। 

चीन के ऊपर किया व्यंग

इस दौरान भारत के विदेश मंत्री ने चीन पर व्यंग भी किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घोषित करने के अनुरोधों के रास्ते में बिना किसी उचित कारण देशों को अवरोध उत्पन्न नहीं करना चाहिए। भारत ने चेताया कि कोई भी दोहरा मानदंड या आतंकवादियों के बीच भेदभाव सिर्फ हमें तकलीफ पहुंचाएगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय समान विचार रखता है कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा होनी चाहिए। इसमें कोई अपवाद नहीं हो सकता है। ना ही किसी आतंकवादी गतिविधि को सही ठहराया जा सकता है, भले ही उसके पीछे कारण/मंशा कुछ भी हो। उनका यह बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन के संदर्भ में था। चीन पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत के प्रयास के रास्ते में बार-बार रोड़ा अटकाता रहा है।

भारत-ब्रिटेन अफगानिस्तान पर साथ काम करने पर सहमत

विदेश मंत्री एस जयशंकर और ब्रिटेन के उनके समकक्ष डोमिनिक राब ने अफगानिस्तान में घटनाक्रम पर विचार साझा किए। साथ ही साझा सुरक्षा खतरों से निपटने, शरणार्थियों का सहयोग करने और आम अफगान नागरिकों की मानवीय दुर्दशा को खत्म करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने पर सहमति जतायी। जयशंकर ने बुधवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ आज बातचीत का स्वागत करता हूं।    जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ भी अफगानिस्तान में ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की। उन्होंने काबुल में हवाईअड्डों का संचालन बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया।

संयुक्त राष्ट्र से शुक्रवार को लौटेंगे विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को भारत लौट आएंगे और अफगानिस्तान में जारी घटनाक्रमों के मद्देनजर मेक्सिको, पनामा और गुयाना की यात्रा नहीं करेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। तालिबान के रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी पर कब्जा करने के बाद तनाव, भय और अनिश्चितता की वजह से भारत ने मंगलवार को अपने राजदूत रूद्रेंद्र टंडन और काबुल दूतावास के कर्मचारियों को एक सैन्य परिवहन विमान में वापस देश बुला लिया।

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