IND vs ENG / सिर्फ 21 रन, रवींद्र जडेजा के नाम एक और रिकॉर्ड हो जाएगा, छोड़ देंगे वीवीएस लक्ष्मण को पीछे

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का पांचवां मुकाबला 31 जुलाई से केनिंग्टन ओवल, लंदन में खेला जाएगा। इस मैच में रवींद्र जडेजा के पास वीवीएस लक्ष्मण का रिकॉर्ड तोड़ने का मौका है। जडेजा अब तक 454 रन बना चुके हैं और 21 रन बनाते ही रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे।

IND vs ENG: 31 जुलाई से लंदन के केनिंग्टन ओवल में भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट मैच शुरू होने जा रहा है। इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के पास एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम करने का सुनहरा अवसर होगा। हाल ही में मैनचेस्टर टेस्ट में ड्रॉ कराने में जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की जोड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। दोनों ने दूसरी पारी में शानदार शतकीय पारियां खेली थीं। अब, जडेजा के पास पांचवें टेस्ट में सिर्फ 21 रन बनाकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड को अपने नाम करने का मौका है।

जडेजा के लिए रिकॉर्ड की दहलीज

भारत के लिए एक टेस्ट सीरीज में नंबर 6 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड वर्तमान में वीवीएस लक्ष्मण के नाम है। लक्ष्मण ने 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 474 रन बनाए थे। रवींद्र जडेजा ने मौजूदा इंग्लैंड सीरीज में नंबर 6 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए 454 रन बना लिए हैं। यदि वह पांचवें टेस्ट में 21 रन और जोड़ लेते हैं, तो वह लक्ष्मण को पीछे छोड़कर इस रिकॉर्ड के नए धारक बन जाएंगे। इस सूची में तीसरे स्थान पर रवि शास्त्री हैं, जिन्होंने 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ 374 रन बनाए थे।

भारत के लिए एक टेस्ट सीरीज में नंबर 6 या उससे नीचे सबसे ज्यादा रन

  1. वीवीएस लक्ष्मण: 474 रन, बनाम वेस्टइंडीज, 2002

  2. रवींद्र जडेजा: 454 रन, बनाम इंग्लैंड, 2025

  3. रवि शास्त्री: 374 रन, बनाम इंग्लैंड, 1984-85

जडेजा का इस सीरीज में प्रदर्शन

इंग्लैंड के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में जडेजा ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया है। चार मैचों की आठ पारियों में उन्होंने 113.50 की औसत से 454 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और चार अर्धशतक निकले हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 107 रन रहा है। हालांकि, गेंदबाजी में उनका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं रहा। चार मैचों में उन्होंने केवल 7 विकेट लिए हैं।

क्या जडेजा रचेंगे इतिहास?

पांचवां टेस्ट जडेजा के लिए न केवल रिकॉर्ड बनाने का अवसर है, बल्कि यह भी साबित करने का मौका है कि वह एक ऑलराउंडर के रूप में भारत के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। उनकी बल्लेबाजी इस सीरीज में भारतीय मध्यक्रम की रीढ़ रही है, और अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वह केनिंग्टन ओवल में इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को अपने नाम कर पाएंगे। इसके अलावा, क्या वह गेंदबाजी में भी कोई कमाल दिखा पाते हैं, यह देखना भी रोमांचक होगा।