कोरोना वायरस / केरल में लगातार कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से सोमवार से लागू होगा रात्रि कर्फ्यू

Zoom News : Aug 29, 2021, 11:58 AM
तिरुवनंतपुरम: केरल में कोरोना वायरस का कहर बरपा हुआ है. लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच राज्य की पिनराई विजयन सरकार सख्ती बढ़ाने के लिए कदम उठाने लगी है. वीकेंड कर्फ्यू के ऐलान के बाद सरकार ने अब नाइट कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है, जोकि सोमवार शाम से लागू होगा. सीएम पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि नाइट कर्फ्यू रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा.

उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,67,497 सैंपल टेस्ट किए गए हैं, जिसमें से 31265 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस दौरान राज्य में 153 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है. दरअसल, केरल में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती हुई दर और नए मामलों में वृद्धि को लेकर राज्य सरकार चौतरफा आलोचना का सामना कर रही है. हालांकि सीएम पिनराई विजयन कोविड-19 की चुनौती से निपटने में सरकार की कथित विफलता की आलोचनाओं को खारिज कर चुके हैं.

सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मुखपत्रों में से एक साप्ताहिक पत्रिका ‘चिंता’ के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित एक लेख में विजयन ने कहा कि समाज का एक वर्ग जानबूझकर महामारी के प्रबंधन संबंधी राज्य की रणनीतियों की आलोचना कर लोगों में भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहा है. कुछ लोग आमजन के बीच सरकार के प्रति रोष पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं, जिससे महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई कमजोर हो जाए.

केरल में कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या 30 हजार पार करने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अलावा भारतीय जनता पार्टी राज्य की वामपंथी सरकार की आलोचना कर रही है. विजयन ने कहा, ‘केरल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी. किसी को भी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित नहीं किया गया है अथवा किसी को भी आपात स्थिति के दौरान अस्पताल में बिस्तर नहीं मिलने जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है.’

केरल में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर 0.5 प्रतिशत से भी कमः CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल ने कोविड-19 रोधी टीके की एक भी बूंद बर्बाद किए बिना देश के सामने एक शानदार उदाहरण पेश किया है. केरल में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर 0.5 प्रतिशत से भी कम है. सरकार की आलोचना कर रहे लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि देश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा केरल में महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत देर से हुई थी और राज्य में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जिनके संक्रमित होने का खतरा अधिक है.

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