5 सितंबर / भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का खास दिन, जानिए क्यों मनाते हैं Teacher's Day

Zee News : Sep 05, 2020, 08:05 AM
नई दिल्ली: आज शिक्षक दिवस (Teacher's Day) है। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन साल 1962 में देश के राष्ट्रपति बने थे। एक बार डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के दोस्त 5 सितंबर को उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाना चाहते थे। जब डॉ। राधाकृष्णन को ये पता चला तो उन्होंने ऐसा करने से रोका और कहा कि मेरा जन्मदिन मत मनाओ बल्कि शिक्षकों का सम्मान करो। तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस को मनाने की शुरुआत हुई।

आज शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के 47 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। राष्ट्रीय पुरस्कार वर्चुअल तरीके से दिए जाएंगे।

एक जमाने में भारत विश्व गुरु था, भारत को गुरुओं की भूमि कहा जाता था। भारत की गुरु-शिष्य परंपरा दुनियाभर में प्रसिद्ध थी। लेकिन धीरे-धीरे ये परंपरा कहीं खो गई। आज भारत को दोबारा विश्वगुरु बनाने के लिए एक बार फिर उस परंपरा को जीवित करने की जरूरत है। यहां आपको ये भी पता होना चाहिए कि शिक्षक और गुरु के बीच क्या अंतर होता है।

शिक्षक आपको जानकारियां देते हैं, परिभाषाएं समझाते हैं। आपको सब्जेक्ट का एक्सपर्ट बनाने की कोशिश करते हैं और आपकी बौद्धिक क्षमता के आधार पर आपको मार्क्स देते हैं। लेकिन एक गुरु आपको जीवन की शिक्षा देता है। आपको बेहतर इंसान बनाता है और जिंदगी की परीक्षाओं में पास या फेल होने के आधार पर आपका आंकलन नहीं करता।

गुरु के पास जाने वाला शिष्य एक नया रूप धारण करके लौटता है क्योंकि गुरु पहले हमें मिटाता है और फिर नए का निर्माण करता है। इसलिए सही मायने में गुरु ही समाज के व्यक्तित्व का निर्माण करता है।



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