Zoom News : Sep 21, 2023, 03:15 PM
Durva Ashtami 2023: हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माने जाने वाले गणपति की पूजा का उत्सव प्रारंभ हो चुका है. बप्पा के भक्त उनकी भक्तिके रंग में रंग चुके हैं और चारों ओर खुशियों का माहौल है. भगवान श्री गणेश बहुत ही दयालु देवता है और वो अपने भक्तों की पूजा से बड़ी जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा वर प्रदान करते हैं. भगवान श्री गणेश की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है. इस गणेश उत्सव आप अगर भगवान श्री गणेश को खुश करना चाहते हैं तो गणेश उत्सव के ठीक 4 दिन आने वाली दूर्वा अष्टमी का दिन इस विशेष पूजा को जरूर करें.सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा में छोटी-छोटी चीजों का बहुत महत्व माना गया है. दूर्वा से जुड़ा यह पर्व भी इसी का प्रतीक है. दूर्वा अष्टमी के दिन भगवान श्री गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री गणेश की पूजा करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.कब है दूर्वा अष्टमी ?दूर्वा अष्टमी हर साल भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. यह पर्व गणेश उत्सव के ठीक 4 दिन बाद पड़ता है. इस साल शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रही है और और 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगी.
- दूर्वा अष्टमी का व्रत और पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लें.
- उसके बाद साफ कपड़े पहन कर पूजा करने बैठेंं.
- पूजा करते वक्त अपने व्रत का संकल्प लें.
- घर के मंदिर में देवताओं को फल, फूल, माला, चावल, धूप और दीपक अर्पित करें.
- इसके बाद गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं एवं उन्हें तिल और मीठे आटे की रोटी का भोग लगाएं.
- पूजा के अंत में भोलेनाथ की पूजा जरूर करें.