- भारत,
- 04-May-2025 09:21 AM IST
Jabalpur Ordnance Factory: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक अहम खबर सामने आई है। रक्षा तैयारियों के लिहाज से यह खबर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जबलपुर स्थित आयुध निर्माणी खमरिया (Ordnance Factory Khamaria) के अधिकारियों और कर्मचारियों की दो दिन से अधिक की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। फैक्ट्री प्रशासन ने इस निर्णय की पुष्टि की है और इसे उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए उठाया गया कदम बताया है।
उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, जिसे म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) के तहत संचालित किया जाता है, भारतीय सशस्त्र बलों के लिए गोला-बारूद और हथियारों का उत्पादन करती है। यहां करीब 4,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, और यह MIL की सबसे बड़ी इकाइयों में से एक मानी जाती है। फैक्ट्री के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) अविनाश शंकर ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में उत्पादन का लक्ष्य बेहद ऊंचा रखा गया है, लेकिन अप्रैल माह में निर्धारित लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। इसी कारण, मुख्यालय के निर्देश पर दो दिन से अधिक की सभी छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।
शंकर ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पादन में किसी भी तरह की बाधा न आए। कर्मचारियों की अधिकतम उपस्थिति से कार्य दक्षता बढ़ेगी और हम तय लक्ष्यों को समय पर प्राप्त कर सकेंगे।”
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
इस प्रशासनिक निर्णय का समय भी काफी महत्वपूर्ण है। वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पिछले 10 दिनों से लगातार सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं। भारतीय सेना भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। ऐसे में रक्षा उत्पादन इकाइयों की भूमिका और भी अहम हो जाती है।
पाकिस्तान के नेता जहां भारत पर हमले की योजना का आरोप लगा रहे हैं, वहीं उनकी सेना खुद ही नियंत्रण रेखा पर उकसावे की कार्रवाई कर रही है। भारत सरकार और सैन्य बलों के लिए यह समय सतर्कता और तैयारी का है, और इसमें रक्षा उत्पादन इकाइयों को निरंतर कार्यशील रखना आवश्यक हो जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एकजुट प्रयास
जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में छुट्टियों की रद्दीकरण की यह कार्रवाई देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक स्पष्ट संकेत है। यह निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी माना जा सकता है। ऐसे समय में, जब सीमाओं पर हालात तनावपूर्ण हैं, भारत की सैन्य उत्पादन इकाइयों का पूर्ण क्षमता से काम करना न केवल जरूरी है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने का प्रतीक भी है।