नई दिल्ली / लोकसभा अध्यक्ष ने निष्पक्षता से सदन चलाने की बात कही

Zoom News : Jun 20, 2019, 12:19 PM
नई दिल्ली/जयपुर: भाजपा सांसद और राजग उम्मीदवार ओम बिड़ला को बुधवार को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया. पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि वह निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नवनिर्वाचित अध्यक्ष को दिल से सहयोग देने का आश्वासन दिया.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टीआर बालू एवं तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने बिड़ला की उम्मीदवारी का समर्थन किया और उनसे पीठासीन अधिकारी के रूप में निचले सदन को चलाने के समय निष्पक्ष रहने का अनुरोध किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गए और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव को सदन द्वारा ध्वनि मत से स्वीकार किए जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बिड़ला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की घोषणा की.

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेता बिड़ला को अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए. इस दौरान पूरे सदन ने ताली बजाकर और मेजें थपथपाकर नए अध्यक्ष का अभिनंदन किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वह वर्षों के अपनी सामाजिक संवेदना भरे जीवन के कारण सदन का सुगमता से संचालन कर पाएंगे.

उन्होंने गुजरात में आए 2011 के भूकंप और 2013 में उत्तराखंड में भीषण बाढ़ सहित देश के विभिन्न भागों में बिड़ला द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को याद किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिड़ला को अध्यक्ष के नाते सभी को अनुशासित और अनुप्रेरित करने तथा सत्तापक्ष को भी नियमों की अवहेलना पर टोकने का अधिकार होगा.

प्रधानमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार उनके कामकाज को सरल बनाने में शत-प्रतिशत योगदान देगी.

सदन में बुधवार को ध्वनि मत से राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए बिड़ला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के बाद मोदी ने कहा कि बिड़ला छात्र राजनीति से यहां तक पहुंचे हैं और उन्होंने जन आंदोलन से ज्यादा ध्यान जन सेवा पर केंद्रित रखा है. उन्होंने राजस्थान विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बिड़ला सार्वजनिक जीवन में विद्यार्थी काल में छात्र संगठनों से जुड़ते हुए जीवन के सर्वाधिक उत्तम समय में किसी भी विराम के बिना समाज की किसी न किसी गतिविधि से जुड़े रहे.’

बिड़ला ने पदभार संभालने के बाद कहा कि वह निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता की अपेक्षा है.

पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद के सदस्यों और सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करते हुए बिड़ला ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी निष्पक्ष होनी चाहिए और निष्पक्ष दिखनी भी चाहिए.

बिड़ला ने सदस्यों से कहा कि वे केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दे विशेषकर बुनियादी मुद्दे उठाएं क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि सदस्य ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनका केंद्र सरकार से कोई संबंध नहीं होता है.

कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने बिड़ला को सहयोग देने का आश्वासन देते हुए उनसे निष्पक्ष रहने और जनहित के मुद्दे उठाने के लिए विपक्ष को पर्याप्त समय देने का अनुरोध किया.

कांग्रेस नेता ने लोकसभा द्वारा बहुत कम विधेयकों को स्थायी समिति को भेजने पर चिंता जताई और उम्मीद जताई कि इस चलन में परिवर्तन होगा. बीजद के पिनाकी मिश्रा ने भी यही चिंता जताई.

बिड़ला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के लिए प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, शिवसेना के अरविंद सावंत, बीजद के पिनाकी मिश्रा, अकाली दल के सुखबीर बादल, जदयू के राजीव रंजन, केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, प्रहलाद जोशी, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टीआर बालू और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने प्रस्ताव रखे. उनके पक्ष में कुल 13 प्रस्ताव पेश रखे गए.

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