- भारत,
- 13-Jun-2025 10:02 AM IST
Share Market Crash: 13 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार दोहरी आपदा के साये में खुला — एक तरफ अहमदाबाद में हुआ दिल दहला देने वाला एयर इंडिया प्लेन हादसा, और दूसरी ओर मिडिल ईस्ट में इज़राइल-ईरान के बीच बढ़ता युद्ध संकट। इन दोनों घटनाओं ने न केवल निवेशकों की भावनाओं को झकझोर दिया, बल्कि बाजार की दिशा को भी तेजी से नीचे की ओर मोड़ दिया।
सेंसेक्स और निफ्टी की खुलते ही बड़ी गिरावट
बाजार खुलते ही खून से लथपथ नजर आए। सेंसेक्स 1,264 अंकों की भारी गिरावट के साथ 80,427 पर खुला, जबकि निफ्टी ने 415 अंकों का गोता लगाकर 24,473 का स्तर छू लिया। पहले से ही प्री-ओपनिंग सेशन में बाजार में भारी गिरावट के संकेत मिल चुके थे, जिससे यह साफ हो गया था कि दिन का कारोबार तनावपूर्ण रहने वाला है।
अहमदाबाद प्लेन हादसे का गहरा असर एविएशन सेक्टर पर
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-318 के क्रैश ने पूरे एविएशन सेक्टर में डर का माहौल पैदा कर दिया। हादसे में 242 में से लगभग सभी यात्रियों की मौत हो गई, जिसे बीते एक दशक का सबसे भीषण विमान हादसा माना जा रहा है। इसका असर विमानन कंपनियों के शेयरों पर साफ दिखा:
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इंडिगो का शेयर 3.31% गिरकर 5446.35 रुपये पर बंद हुआ।
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स्पाइसजेट में 2.40% की गिरावट आई और यह 44.40 रुपये पर बंद हुआ।
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हादसे के बाद शुरुआती घंटों में इंडिगो 5420 रुपये और स्पाइसजेट 44.29 रुपये तक लुढ़क गए।
मिडिल ईस्ट संकट ने डाला वैश्विक बाजारों पर असर
इज़राइल द्वारा ईरान पर कथित एयरस्ट्राइक की खबर से भू-राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस टकराव ने न केवल वैश्विक बाजारों में चिंता फैलाई, बल्कि भारत समेत एशियाई बाजारों को भी झकझोर दिया।
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ईरान, एक बड़ा तेल उत्पादक देश है, और हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतें 11% तक बढ़कर 76 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गईं — जो दो महीने का उच्चतम स्तर है।
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इससे ऊर्जा लागत बढ़ने और महंगाई में उछाल की आशंका ने बाजार को और दबाव में डाल दिया।
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सुरक्षित निवेश के विकल्प की तलाश में निवेशकों ने सोने की खरीदारी को तरजीह दी, जिससे इस धातु की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला।
सेंसेक्स के 30 में से सभी स्टॉक्स लाल निशान में
बाजार की चौड़ाई अत्यंत कमजोर रही। सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियों के शेयरों ने नुकसान के साथ कारोबार की शुरुआत की। निफ्टी 50 में से केवल एक कंपनी का शेयर हरे निशान में खुला, बाकी 49 कंपनियों ने गिरावट दर्ज की। सबसे ज्यादा गिरावट लार्सन एंड टुब्रो में 2.77% की देखी गई।
गिरावट के प्रमुख कारण
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इज़राइल-ईरान तनाव: वैश्विक निवेशकों में अस्थिरता और जोखिम की भावना बढ़ी।
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तेल की कीमतों में उछाल: ऊर्जा आयात पर निर्भर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा झटका है।
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प्लेन हादसा: एविएशन और ट्रैवल सेक्टर में निवेशकों की चिंता बढ़ी।
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डॉलर इंडेक्स में मजबूती और रुपया कमजोर: विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार कम आकर्षक हुआ।