Russia-Ukraine War / मोदी ही है उम्मीद! जंग रोकने के लिए क्यों दुनिया PM की ओर देख रही?

रूस-यूक्रेन जंग पर अमेरिका नाकाम साबित हुआ तो अब दुनिया की नजरें पीएम मोदी पर हैं। यूरोपीय संघ ने मोदी की शांति दूत की भूमिका को स्वीकारा। मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की से बातचीत कर युद्धविराम का संदेश दिया। भारत की संतुलित कूटनीति शांति के नए रास्ते खोल रही है।

Russia-Ukraine War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने से पहले रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और शांति स्थापित करने के बड़े-बड़े दावे किए थे। सत्ता संभालने के बाद उन्होंने कई प्रयास भी किए, लेकिन कोई ठोस सफलता नहीं मिली। ट्रंप की नाकामी के बीच अब वैश्विक समुदाय की नजरें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से लेकर यूरोपीय संघ (EU) के नेताओं तक, सभी पीएम मोदी को शांति के सूत्रधार के रूप में देख रहे हैं।

SCO मंच से शांति का संदेश

हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मंच पर पीएम मोदी की सक्रियता ने साफ कर दिया कि अगर यूक्रेन में युद्धविराम और शांति स्थापित करनी है, तो भारत इसकी धुरी बन सकता है। गुरुवार को जब पेरिस में यूरोप के नेता जेलेंस्की के साथ शांति पर चर्चा कर रहे थे, उसी दौरान यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर ने पीएम मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत के बाद EU ने सोशल मीडिया पर कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और शांति की राह प्रशस्त करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। EU ने भारत के निरंतर सहयोग का स्वागत करते हुए कहा कि इस युद्ध के वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर गंभीर परिणाम होंगे, जो पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।

पीएम मोदी ने भी इस दौरान नई दिल्ली के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत इस संघर्ष को जल्द समाप्त करने और स्थायी शांति की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।

जयशंकर और यूक्रेन के विदेश मंत्री की मुलाकात

यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा हाल ही में भारत दौरे पर आए। गुरुवार को उनकी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर कहा कि भारत इस युद्ध को जल्द समाप्त करने और स्थायी शांति की स्थापना का समर्थन करता है। उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया।

पुतिन और जेलेंस्की के साथ पीएम मोदी की बातचीत

हाल के हफ्तों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। इसके अलावा, SCO बैठक के दौरान पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने दोनों नेताओं से स्पष्ट कहा कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं निकल सकता और बंदूक की छाया में बातचीत सफल नहीं हो सकती।

भारत का संतुलित दृष्टिकोण

भारत ने 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं की, लेकिन दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के जरिए स्थायी समाधान की वकालत की है। भारत ने रूस के साथ अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी को बनाए रखा है, लेकिन साथ ही यूक्रेन को मानवीय सहायता भी प्रदान की है। भारत ने रियायती दरों पर रूसी तेल का आयात बढ़ाया है, साथ ही यूक्रेन को चिकित्सा आपूर्ति, उपकरण और राहत सामग्री भेजकर समर्थन दिया है।

पीएम मोदी पर वैश्विक भरोसा क्यों?

  • वैश्विक मंचों पर प्रभाव: पीएम मोदी ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति की वकालत की है। उनकी बात को विश्व समुदाय गंभीरता से सुनता है।

  • पुतिन और जेलेंस्की के साथ संबंध: पीएम मोदी के दोनों नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं, जो उन्हें मध्यस्थ की भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है।

  • भारत का संतुलित रुख: भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच संतुलन बनाए रखा है, जिससे उसकी विश्वसनीयता बढ़ी है।

  • चीन के साथ विवाद का समाधान: पीएम मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद को बातचीत के जरिए हल किया। गलवान झड़प के बाद सैन्य स्तर की कई दौर की बातचीत के बाद दोनों देश डिसइंगेजमेंट और डिएक्सलेशन पर सहमत हुए। यह उनकी कूटनीतिक क्षमता का प्रमाण है।

विश्व शांति में भारत की भूमिका

पीएम मोदी ने बार-बार कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। उनकी यह बात न केवल रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी प्रासंगिक है। भारत का संतुलित दृष्टिकोण, कूटनीतिक प्रयास और दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध उसे शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उपयुक्त बनाते हैं। ट्रंप के प्रयासों की असफलता के बाद अब विश्व समुदाय की उम्मीदें पीएम मोदी पर टिकी हैं, और भारत इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार है।