IND vs SA / टीम सेलेक्शन में मेरा कोई हाथ नहीं: टेस्ट सीरीज हार के बाद बॉलिंग कोच मोर्केल का बड़ा बयान

साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में करारी हार के बाद भारतीय टीम के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने टीम सेलेक्शन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम चुनने में उनकी कोई भूमिका नहीं होती, यह हेड कोच, कप्तान और सिलेक्टर्स का काम है। भारत अब वनडे सीरीज में वापसी की उम्मीद कर रहा है।

भारतीय क्रिकेट टीम को हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा, जिसके बाद टीम मैनेजमेंट पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस हार के बाद टीम इंडिया के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने टीम सेलेक्शन को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। मोर्कल ने साफ तौर पर कहा है कि टीम के चयन में उनका। कोई हाथ नहीं होता और यह जिम्मेदारी मुख्य कोच, कप्तान और चयनकर्ताओं की है।

टेस्ट सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज भारतीय टीम के लिए बेहद निराशाजनक रही। टीम को दोनों टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा, जिससे सीरीज 2-0 से साउथ अफ्रीका के नाम रही और इस हार ने भारतीय टीम के प्रदर्शन और रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेष रूप से, गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम। को ऋषभ पंत की कप्तानी में 408 रनों की करारी हार मिली थी। यह हार इतनी बड़ी थी कि साउथ अफ्रीका की टीम 25 साल बाद भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब रही। इससे पहले कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट मैच में। भी भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था।

टीम मैनेजमेंट पर उठे सवाल

टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट की कड़ी आलोचना हुई। टीम मैनेजमेंट पर टेस्ट प्लेइंग इलेवन में कई ऑलराउंडर्स को चुनने को लेकर सवाल उठाए गए थे और विशेषज्ञों और प्रशंसकों का मानना था कि टीम का संतुलन सही नहीं था, और कुछ विशेषज्ञ गेंदबाजों की कमी महसूस की गई। ऐसे में, जब टीम के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे थे, बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्केल का यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

मोर्ने मोर्केल का स्पष्टीकरण

रांची में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच से पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्ने मोर्केल ने टीम सेलेक्शन में अपनी भूमिका पर खुलकर बात की और उन्होंने कहा, "मैं असल में सेलेक्शन और ऐसी चीजों में शामिल नहीं होता। मैं यह गौतम (हेड कोच), सेलेक्टर्स और कैप्टन पर छोड़ता हूं, इसलिए मैं इस पर कमेंट नहीं कर सकता। " मोर्कल के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि गेंदबाजी कोच के रूप में उनकी भूमिका केवल गेंदबाजों को तैयार करने और रणनीति बनाने तक सीमित है, न कि अंतिम एकादश के चयन में।

आगामी वनडे सीरीज और वापसी की उम्मीद

टेस्ट सीरीज की हार के बाद अब भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी और भारतीय टीम इस सीरीज में वापसी करने और टेस्ट सीरीज की निराशा को पीछे छोड़ने के लिए उत्सुक होगी। पहला वनडे मैच 30 नवंबर को खेला जाएगा, जिसके बाद 3 और 6 दिसंबर को बाकी के दो वनडे मैच होंगे। यह सीरीज भारतीय टीम के लिए अपनी लय वापस पाने और आगामी टी-20 सीरीज से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

गेंदबाजी यूनिट का समर्थन

मोर्ने मोर्केल ने भारतीय पेस अटैक का पूरा समर्थन किया है, जिसमें अर्शदीप सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा जैसे युवा गेंदबाज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रांची में पिच की कंडीशन साउथ अफ्रीकी विकेट। जैसी थी, जो तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हो सकती है। मोर्कल को उम्मीद है कि ये गेंदबाज साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में शानदार गेंदबाजी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि तेज गेंदबाजों को इस 3 मैचों की सीरीज में पूरा सपोर्ट किया जाएगा।

युवा गेंदबाजों के लिए सुनहरा अवसर

बॉलिंग कोच ने हर्षित, प्रसिद्ध और अर्शदीप के लिए इस सीरीज को एक शानदार मौका बताया और उन्होंने कहा, "हम हमेशा इन लोगों को ज्यादा से ज्यादा मैच टाइम देना चाहते हैं। इस सीरीज में वह कुछ अच्छे क्रिकेटर के खिलाफ खेलेंगे। यह उनके लिए इन हालात में खुद को परखने का एक अच्छा मौका होगा। मैं इस सीरीज में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखने के लिए उत्साहित हूं। " भारतीय टीम 27 नवंबर को रांची पहुंच चुकी थी, ताकि वे मैच से पहले परिस्थितियों से तालमेल बिठा सकें और वनडे सीरीज के बाद दोनों टीमें पांच मैचों की टी-20 सीरीज पर ध्यान केंद्रित करेंगी, जो इस दौरे का अंतिम चरण होगा।