इंडिया / नासा के रोवर ने पाया, मंगल ग्रह पर वसंत और ग्रीष्म में 30% बढ़ा ऑक्सीजन का स्तर

News18 : Nov 18, 2019, 08:03 PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपने क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity Rover) के जरिए मंगल ग्रह (Mars) पर आक्सीजन (Oxygen) होने का दावा किया है. मंगल पर आक्सीजन होने का सीधा मतलब है, पृथ्वी की तरह ही मंगल पर भी जीवन संभव हो सकता है. नासा का क्यूरियोसिटी रोवर गेल क्रेटर में चक्कर लगाते हुए खोज कर रहा है.

क्यूरियोसिटी रोवर का मंगल ग्रह पर इतने समय से होना और खोज करना एक सफल मिशन है. नासा ने इसे 26 नवंबर 2011 को लॉन्च किया था. इसने पृथ्वी पर कई डेटा भेजे हैं. इस साल की शुरुआत में नासा ने बताया कि क्यूरियोसिटी ने मंगल के वातावरण में उच्च स्तर की मीथेन को देखा था. मीथेन को एक बायोमार्कर माना जाता है. रोवर ने मंगल में आक्सीजन होने के संकेत दिये हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ रही है. मीथेन के साथ, ऑक्सीजन जैविक जीवों की उपस्थिति का संकेत दे सकता है, इसलिए यह क्यूरियोसिटी मॉनिटर है.

क्यूरियोसिटी रोवर के सैम केमिस्ट्री लैब ने गेल क्रेटर में मौजूद गैसों का अध्ययन किया. इसमें पाया कि वहां पर 95% कार्बन डाइऑक्साइड, 2.6% नाइट्रोजन, 1.9 आर्गन, 0.16 ऑक्सीजन और 0.06% कार्बन मोनोऑक्साइड है. इन गैसों का प्रतिशत मौसम के हिसाब से बदलता रहता है. लेकिन नए अध्ययन में पता चला है कि ऑक्सीजन का लेवल बाकि गैसों की तुलना में अधिक बदलता है.

वसंत और गर्मियों के दौरान, ऑक्सीजन का स्तर 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है और फिर सर्दियों में कम हो जाता है. मंगल ग्रह के वातावरण में परिवर्तन के लिए कुछ भूवैज्ञानिक प्रक्रिया भी जिम्मेदार हो सकती है. इसका भी जल्द ही पता चल सकता है.

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER