दुनिया / भारत पर चीन के खतरे को देखते हुए यूरोप से निकाल रहे हैं सेना: अमेरिका

News18 : Jun 26, 2020, 08:17 AM
न्यूयॉर्क। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध लगातार जारी है। दोनों पक्ष बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोक नतीजा नहीं निकला है। इस बीच अमेरिका (America) ने भारत और चीन के बीच जारी तनातनी पर बड़ा बयान दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने कहा है कि वो यूरोप से अपनी सेना को इसलिए हटा रहे हैं क्योंकि भारत और कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों पर चीन का खतरा बढ़ गया है।

भारत पर चीन का खतरा!

विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से पूछा गया कि आखिर क्यों अमेरिका जर्मनी से अपनी सेना हटा रही है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'ये सारे फैसले चीन की हरकतों से लिया गया है। भारत पर चीन का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया , फिलीपींस और साउथ चाइन सी पर भी खतरा है। अमेरिका ये सुनिश्चित करना चाहता है कि हम चीन को सही जवाब दे सके। '

गलवान घाटी में हिंसक झड़प पर भी चर्चा

माइक पोम्पिओ ने इसके अलावा गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए हिंसक झड़प पर भी बातचीत की। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यूरोपियन यूनियन से चीन को लेकर चर्चा की जाएगी। बता दें कि जर्मनी से सेना वापस बुलाये जाने को लेकर यूरोपियन यूनियन ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने बाद में ये भी कहा कि चीनी कंपनियों के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने का प्रयास भी किया जा रहा है। दरअसल कोविड-19 महामारी से बीजिंग ने रणनीतिक और आर्थिक रूप से फायदा उठाने का प्रयास किया।

भारत-चीन मुद्दे पर ट्रंप की राय

पिछले हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वो भारत और चीन को सीमा पर तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे पहले लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसा के अगले दिन अमेरिका ने कहा था कि पूरे घटनाक्रम पर उनकी नजर है। उन्होंने कहा, 'हालात बिल्कुल गंभीर है। हमलोग भारत से बातचीत कर रहे हैं। हमलोग चीन से बातचीत कर रहे हैं। सीमा पर दोनों देशों को बहुत बड़ी समस्या है। दोनों एक दूसरे के सामने आ गए हैं। हमलोग उन्हें मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।'

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