- भारत,
- 21-Jun-2025 04:40 PM IST
- (, अपडेटेड 21-Jun-2025 02:35 PM IST)
Donald Trump News: पाकिस्तान ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने हालिया रिश्तों को एक नई दिशा दी है। व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर और ट्रंप के बीच हुई लंच मीटिंग के तुरंत बाद इस्लामाबाद ने ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर दिया है।
भारत से कनेक्शन: ट्रंप की भूमिका
दरअसल, यह नामांकन यूं ही नहीं हुआ। ट्रंप को नोमिनेट करने के पीछे एक बड़ा कारण भारत है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, तब दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। यह ऑपरेशन चार दिनों तक चला, जिसमें सीमा पर जबरदस्त तनाव और युद्ध जैसे हालात बन गए थे। पाकिस्तान ने इसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की। तभी सामने आए डोनाल्ड ट्रंप।
ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सीजफायर करवाया। अब पाकिस्तान उसी "एहसान" को चुकाने की कोशिश में ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए आगे बढ़ा रहा है।
क्या पाकिस्तान की सिफारिश से ट्रंप को मिल जाएगा नोबेल?
इस सवाल का जवाब है – नहीं। नोबेल पुरस्कार पाना उतना आसान नहीं जितना किसी देश की तरफ से एक नाम भर भेज देना। इसके लिए एक बेहद कठोर और गोपनीय प्रक्रिया होती है, जिसमें ट्रंप जैसे दावेदारों को कई स्तरों पर परखा जाता है।
नोबेल शांति पुरस्कार: क्या है यह सम्मान?
नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। इसकी शुरुआत अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत से हुई थी। इस पुरस्कार का मकसद है – राष्ट्रों के बीच भाईचारा बढ़ाना, हथियारों की होड़ को रोकना और वैश्विक शांति को बढ़ावा देना।
यह पुरस्कार हर साल 10 दिसंबर को ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य नोबेल पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं।
कौन कर सकता है नॉमिनेट?
हर कोई इस पुरस्कार के लिए किसी को नॉमिनेट नहीं कर सकता। नामांकन केवल कुछ ही लोग कर सकते हैं, जैसे:
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राष्ट्राध्यक्ष, प्रधानमंत्री या सांसद
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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और मध्यस्थता न्यायालय के सदस्य
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विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, रेक्टर या शोध संस्थानों के डायरेक्टर
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पूर्व नोबेल विजेता और नोबेल संगठनों के प्रमुख
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नॉर्वेजियन नोबेल समिति के सदस्य और सलाहकार
नामांकन से विजेता बनने तक की प्रक्रिया
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1 फरवरी तक नामांकन फॉर्म स्वीकार होते हैं।
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मार्च-अगस्त: विशेषज्ञों की समीक्षा और शॉर्टलिस्टिंग होती है।
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सितंबर-अक्टूबर: नोबेल समिति नामों पर विचार करती है और बहुमत से विजेता का चुनाव करती है।
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10 दिसंबर: ओस्लो में पुरस्कार समारोह होता है।
यह प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है और नामांकनों की सार्वजनिक पुष्टि केवल नामांकित व्यक्ति द्वारा ही की जा सकती है।
अमेरिका के कितने राष्ट्रपति जीत चुके हैं नोबेल?
अब तक अमेरिका के इन राष्ट्रपतियों को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है:
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वुडरो विल्सन (1920): लीग ऑफ नेशंस की स्थापना में भूमिका के लिए।
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जिमी कार्टर (2002): मानवाधिकार और विकास के लिए योगदान।
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बराक ओबामा (2009): कूटनीतिक प्रयासों के लिए।
इसके अलावा उपराष्ट्रपति अल गोर (2007) को जलवायु परिवर्तन पर कार्य के लिए सम्मानित किया गया था।
क्या ट्रंप बनेंगे नोबेल विजेता?
पाकिस्तान की ओर से डोनाल्ड ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करना एक राजनीतिक संकेत जरूर है, लेकिन इससे पुरस्कार मिलने की कोई गारंटी नहीं है।
नोबेल समिति स्वतंत्र और गंभीर समीक्षा के बाद ही किसी को इस सम्मान के लायक समझती है। ट्रंप की भूमिका को भी उसी कसौटी पर परखा जाएगा।