मनोरंजन / पानीपत मूवी रिव्यू: अर्जुन कपूर, संजय दत्त और कृति सनोन फिल्म एक अच्छा प्रयास है

Zoom News : Dec 06, 2019, 06:21 PM
इस हफ्ते दो बड़ी फिल्‍में बॉक्‍स ऑफिस पर रिलीज हो रही हैं।  पहली है निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की 'पानीपत' तो दूसरी है निर्देशक मुदस्‍सर अजीज की फिल्‍म ' पति पत्‍नी और वो'।  ये दोनों ही बेहद अलग जॉनर की फिल्‍में हैं।  हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि निर्देशक आशुतोष की फिल्‍म 'पानीपत' के बारे में जो एक पीरियड ड्रामा फिल्‍म है।  फिल्‍म 'पानीपत' इतिहास की सबसे चर्चित लड़ाईयों में से एक पानीपत के तीसरे युद्ध पर आधारित फिल्‍म है।  पानीपत के तीसरे युद्ध ने भारत के इतिहास में काफी कुछ बदलकर रख दिया था।  आइए आपको बताते हैं कि क्‍या इस युद्ध पर बनी ये फिल्‍म लंबे समय बाद निर्देशन में वापसी कर रहे आशुतोष गोवारिकर के लिए कुछ बदल पाती है या नहीं। 


कहानी: जैसा की हम बता चुके हैं कि इस फिल्‍म की कहानी 14 जनवरी 1761 में मराठाओं और अंग्रजों के बीच हुए 'पानीपत' के तीसरे युद्ध के ईद-गिर्द बुनी गई है।  फिल्‍म को इसकी हीरोइन पार्वती बाई (कृति सेनन) के नजरिए से दिखाया गया है।  सदाशिवराव भाऊ (अर्जुन कपूर) अपने चचेरे भाई नानासाहब पेशवा (मोनीश बहल) की मराठा आर्मी का सेनापति है।  उदगीर के निजाम को हराने के बाद सदाशिवराव को मराठाओं की उस सेना का प्रमुख चुना जाता है, जो कांधार के सबसे खूंखार शासकों में से एक अहमद शाह अब्‍दाली (संजय दत्त) से युद्ध लड़ने के लिए आगे बढ़ती है।  मराठाओं के बढ़ते वर्चस्‍व से डरे शासक नजीब-उद्-दौला ही अहमद शाह अब्‍दाली को भारत आने और मराठाओं से युद्ध करने का न्‍योता देता है।  इस युद्ध में सदाशिव राव अपनी पत्‍नी पार्वती बाई को लेकर चलते हैं और कहानी में उनके बीच के प्रेम को भी द‍िखाया गया है।  हालां‍कि इस युद्ध में मराठा हार जाते हैं, लेकिन मराठा जिस शौर्य के साथ लड़े उसे देखकर वह उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता। 

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