Zoom News : Oct 11, 2021, 08:09 AM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी के शासन के 20 साल पूरे होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सरकारी न्यूज चैनल संसद टीवी को एक खास साक्षात्कार दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का जीवन हमेशा से सार्वजनिक रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा से प्रशासन की बारिकियों से समझा है। शाह ने कहा कि पीएम मोदी के सार्वजनिक जीवन के तीन हिस्से किए जा सकते हैं। पहला कालखंड भाजपा में आने के बाद संगठनात्मक काम का था। दूसरा कालखंड उनके गुजरात के मुख्यमंत्री काल का था और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में आकर वो प्रधानमंत्री बने।पीएम मोदी के तीनों कालखंड चुनौतीपूर्ण: शाहअमेत शाह ने कहा कि पीएम मोदी के ये तीनों कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहे। जब पीएम को भाजपा में भेजा गया, वो संगठन मंत्री बनें तो उस समय भाजपा की स्थिति सही नहीं थी। गुजरात कोई पहले से भाजपा के अनुकूल राज्य नहीं था। गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने धैर्यपूर्ण तरीके से प्रशासन की बारीकियों को समझा और विशेषज्ञों को प्रशासन के साथ जोड़ा एवं उनकी चीजों को योजनाओं में तब्दील किया और उन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया। शाह ने कहा कि गुजरात में सबसे ज्यादा आदिवासी उपेक्षित थे। कांग्रेस ने उनका वोटबैंक की तरह इस्तेमाल तो किया लेकिन कभी उन तक विकास नहीं पहुंचाया। पीएम मोदी ने पहली बार 2003 के बजट में सारी बिखरी हुई योजनाओं को जोड़ा और संविधान के अनुसार उनकी जनसंख्या के हिसाब से उनको अधिकार दिए। नरेंद्र मोदी के गुजरात में सफल मुख्यमंत्री काल के दौरान देश के लोगों में आशा की किरण जागी कि मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम में कोई दोष नहीं है, ये सफल हो सकती है। ये अंतिम व्यक्ति तक जा सकती है।पीएम मोदी जोखिम लेकर फैसले करते हैं: शाहपीएम मोदी जोखिम लेकर फैसले करते हैं ये बात सही है। उनका मानना है और कई बार उन्होंने कहा भी है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आए हैं केवल सरकार चलाने के लिए नहीं। हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है।शाह ने कहा कि 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है। पीएम मोदी के नहीं डरने का कारण यह है कि सत्ता में बने रहना उनका लक्ष्य नहीं है, एकमात्र लक्ष्य 'राष्ट्र प्रथम' को लेकर वो चलते हैं। पीएम मोदी ने देश की ढेर सारी समस्याओं को पारंपरिक सोच के अलग होकर हल किया, यही तो रिफॉर्म हैं। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से पहले देश की हालत थी खराब: शाहनरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले देश हर क्षेत्र में लगातार नीचे जा रहा था, दुनिया मे देश का कोई सम्मान नहीं था, देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा लचर थी। ऐसे माहौल में पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और आज हम देखते हैं कि सात साल के अंदर सारी व्यवस्थाएं अपनी अपनी जगह सही हैं।पीएम मोदी का जीवन पारदर्शी: शाहआजादी के बाद भारत के लोकतंत्र में पीएम मोदी एक ही राजनीतिक शख्शियत हैं, जिन पर हर प्रकार के आरोप लगाने का प्रयास किया गया, लेकिन एक भी सिद्ध नहीं हो पाया। इसका एक ही कारण है कि पीएम मोदी का जीवन पारदर्शी है, निजी कुछ भी नहीं है। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। हर विरोध के साथ पीएम मोदी और मजबूत होते हैं। लोकतंत्र में इससे बड़ी उपलब्धि क्या हो सकती है कि एक व्यक्ति कड़े फैसले लेता है और देश की जनता चट्टान की तरह उसके साथ खड़ी रहती है।