Aircraft C-295 / भारत आ रहा महाबलशाली C-295 विमान, सेना की बढ़ेगी ताकत- जानें खासियत

Zoom News : Sep 13, 2023, 04:00 PM
Aircraft C-295: भारतीय सेना अपने दोनों छोर की सीमाओं की ताकत बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। इसके लिए भारतीय सेना अपनी ताकत को और बढ़ा रही है। जल, थल और नभ तीनों सेनाओं को नई टेक्नोलॉजी के हथियारों से सुसज्जित किया जा रहा है। जहां एक ओर एलएसी और एलओसी पर तेजी से सड़कें बनाई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय सेना के जवानों को एकसाथ अधिक मात्रा में ले जाया जा सके, ऐसे विमानों की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज भारत को स्पेन से एक ऐसा महाबलशाली एयरक्राफ्ट मिलने जा रहा है जो बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों को ​एयरलिफ्ट कर सकता है। भारत को अपना पहला C-295 टैक्टिकल मिलिट्री एयरलिफ्ट प्लेन बुधवार को मिलने जा रहा है। इसे लाने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी यूरोपीय देश स्पेन पहुंच चुके हैं। जानिए इस विमान की क्या क्या खासियत है,यह क्यों इतना फायदेमंद है?

56 विमान खरीदे जाएंगे, ज्यादातर भारत में ही बनाए जाएंगे

भारतीय सेना को मिलने वाला यह एयरलिफ्ट विमान पूरी तरह से सैनिकों के साथ लंबी दूरी तय करने में सक्षम है। भारतीय सेना के लिए 2 साल पहले 21 हजार 935 करोड़ रुपए की एक बड़ी डील टाटा एयरबस प्रोजेक्ट के तहत हुई थी। इसके तहत 56 विमानों को खरीदा जाना है। C-295 विमान बड़े खास तरीके से आर्मी के जवानों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि अन्य दूसरे कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है। इस कारण से यह सैनिकों की आवाजाही के लिए यह सबसे बेहतर है। 

जानें C-295 की क्या है खासियत?

यह विमान आम रनवे से काफी कम यानी सिर्फ 844 मीटर के रनवे से टेक ऑफ कर सकता है, जबकि लैंडिंग के लिए सिर्फ 420 मीटर रनवे की जरूरत होती है।

यह विमान लगातार 11 घंटे उड़ सकता है। हवा में रिफ्यूलिंग की सुविधा से ऐसा संभव होता है। अभी स्पेन के अलावा मिस्र, कनाडा, पोलैंड जैसे देश इस विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं।

C-295 पहाड़ी इलाकों के लिए पूरी तरह कारगर है। शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमता के साथ नौ टन तक पेलोड या 71 सैनिकों को ले जाया जा सकता है। इसमें एक मीडियम टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है।

सी-295 एक इंजन के सहारे 13533 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और दोनों इंजन काम करे तो यह 30 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।

मेक इन ​इंडिया के तहत 56 विमानों में से पहले 16 विमान छोड़ दें, तो बाकी विमान भारत में ही बनाए जाएंगे। इसे टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड कंपनी बनाएगी।

यह विमान अधिकतम 9250 किलोग्राम तक वजन के साथ उड़ान भर सकता है। दूसरे कार्गो विमान की तरह इसमें चार या पांच क्रू मेंबर्स की जरूरत नहीं पड़ती। इस विमान में दो इंजन हैं और इसकी गति 482 किलोमीटर प्रतिघंटा है। 

बेड़े में शामिल होते ही एलीट देशों में शुमार होगा भारत का नाम

गुजरात में टाटा-एयरबस प्रोजेक्‍ट के तहत पहला सी-295 सैन्य परिवहन विमान तैयार होते ही भारत एलीट देशों की लिस्‍ट में शामिल हो जाएगा। अभी ऐसी क्षमता सिर्फ 11 देशों के ही पास है। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, चीन, स्‍पेन जैसे देश शामिल हैं। सी-295 को सैन्य और राहत कामों के लिए काफी भरोसेमंद विमान माना जाता है। ये हैवी लिफ्ट नहीं, लाइट लिफ्ट के लिए बड़े कारगर साबित होते हैं।

भारत के लिए किस तरह ​फायदेमंद हैं C-295 विमान, बता रहे रक्षा विशेषज्ञ संदीप थापर

रक्षा मामलों के जानकार रिटायर्ड​ ब्रिगेडियर संदीप थापर ने Zoom News डिजिटल को बताया कि C-295 जैसे विमान लाइट लिफ्ट के लिए होते हैं, जो सैन्य कार्यों के साथ ही दुर्गम इलाकों में रेस्क्यू कामों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।

इमरजेंसी में शॉर्ट नोटिस पर आर्मी के जवानों को बॉर्डर पर पहुंचाने के लिए ऐसे विमान फायदेमंद रहते हैं। 

यदि रोड खराब है या नहीं बनी है या फिर बॉर्डर का कोई दुर्गम इलाका है, तो ऐसे में C-295 विमान बेहद कारगर होगा। उदाहरण के तौर पर मणिपुर जैसे इलाकों में जहां शॉर्ट नोटिस पर ज्यादा जवानों को यदि भेजा जाना है, तो ऐसे में यह काम आएगा। 

क्विक मूवमेंट, शॅार्ट नोटिस पर काम करने के लिए C-295 विमान बड़े कारगर साबित होते हैं। भारत ने कुछ दशक पहले मालदीव में सैन्य आपरेशन किया था। ऐसे सैन्य आपरेशंस में भी ये विमान कारगर हैं। क्योंकि एकसाथ बड़ी संख्या में सैनिक भेजे जाने की जरूरत होती है। रिएक्शन की कैपेबिलिटी बढ़ जाती है, क्योंकि शॉर्ट नोटिस पर पहुंच जाते हैं। 

200 से ज्यादा सैनिक ले जाने की कैपिसिटी वाले एयरक्राफ्ट भी हैं भारत के पास

संदीप थापर ने बताया कि C-295 जैसे विमान बेसिकली इंटरनल सिचुएशन में काम आने से लेकर बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी स्थिति में एक्शन के लिए यह एयरक्राफ्ट कारगर रहेगा। थापर बताते हैं कि जंबो एयरक्राफ्ट की कैपिसिटी C-295 जैसे विमानों से ज्यादा होती है। भारत के पास आईएल- 76 जंबो विमान भी है, जो रूस से लिया गया था। इसमें तो 200 से ज्यादा आर्मी के जवान एकसाथ मूवमेंट कर सकते हैं। यदि लेह लद्दाख सैनिकों को ले जाना होता है, तो इन्हीं का उपयोग किया जाता है। C-130J सुपर हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट भी हमने खरीदे हैं। इसमें भी 200 लोगों को ले जाने की क्षमता है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER