भारत में क्रिकेट का संचालन करने वाली सर्वोच्च संस्था भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और bCCI अपने खिलाड़ियों को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जहां वे अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें और आगे बढ़ सकें। इसके लिए BCCI के पास एक मजबूत सपोर्ट स्टाफ भी है, जो खिलाड़ियों के पीछे काम करता है। हालांकि, पुदुचेरी से सामने आया एक मामला इन सभी प्रयासों पर सवाल खड़ा करता है, जहां BCCI की नाक के नीचे एक बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है, जो आंखें खोल देने वाला है।
पुदुचेरी में क्रिकेट फर्जीवाड़े का खुलासा
इंडियन एक्सप्रेस की एक विस्तृत पड़ताल ने पुदुचेरी क्रिकेट में चल रहे एक सुनियोजित घोटाले का पर्दाफाश किया है और यह अवैध गतिविधि खिलाड़ियों को टीम में जगह बनाने के लिए शॉर्टकट अपनाने में मदद करती है। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले लोग BCCI और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पुदुचेरी (CAP) के समानांतर काम कर रहे हैं। उनके लिए यह सब पैसे का खेल है और इस खेल में पैसे के बदले में नकली पते और एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे नियमों को धता बताया जा सके और गैर-योग्य खिलाड़ियों को स्थानीय टीमों में शामिल किया जा सके। यह पूरा मामला भारतीय क्रिकेट की नींव को हिलाने वाला है।
फर्जीवाड़े का तरीका और शामिल लोग
जांच में पता चला है कि पुदुचेरी के निजी क्रिकेट एकेडमी के कोच इस धोखाधड़ी वाली प्रणाली के केंद्र में हैं। ये कोच कथित तौर पर दूसरे राज्यों के क्रिकेटरों को पुदुचेरी की टीमों में शामिल होने की सुविधा के लिए सभी आवश्यक फर्जी दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं और उनका मुख्य उद्देश्य इन गैर-स्थानीय खिलाड़ियों को BCCI की अनिवार्य एक साल की निवास आवश्यकता को पूरा करने में मदद करना है, जिससे उन्हें “स्थानीय” खिलाड़ी के रूप में पंजीकृत किया जा सके। यह एक गंभीर उल्लंघन है जो खेल की निष्पक्षता को प्रभावित करता है।
पैसे के बदले नकली निवास प्रमाण पत्र
यह विस्तृत योजना सुनिश्चित करती है कि जो खिलाड़ी वास्तव में पुदुचेरी में नहीं रहते हैं, वे धोखाधड़ी वाले निवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें। ये मनगढ़ंत दस्तावेज तब उन्हें BCCI द्वारा स्थानीय खिलाड़ियों के। लिए निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करने की अनुमति देते हैं। ऐसा करके, ये खिलाड़ी अनुचित लाभ प्राप्त करते हैं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पुदुचेरी (CAP) की विभिन्न आयु-वर्ग की टीमों में जगह बनाते हैं, जो अन्यथा उनके लिए दुर्गम होती। यह पूरी प्रक्रिया एक “पैकेज” के रूप में 1. 2 लाख रुपये या उससे अधिक के बदले में की जाती। है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक संगठित रैकेट है।
इंडियन एक्सप्रेस की गहन पड़ताल
इस धोखाधड़ी की व्यापकता और परिष्कार का खुलासा इंडियन एक्सप्रेस द्वारा की गई तीन महीने की कठोर जांच से हुआ। रिपोर्ट में केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी से 2000 से अधिक खिलाड़ी पंजीकरण फॉर्मों की विस्तृत समीक्षा का उल्लेख किया गया है। यह संख्या फर्जीवाड़े के बड़े पैमाने पर होने का संकेत देती है। इसके अलावा, जांच में एक दर्जन से अधिक पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों और अधिकारियों के साथ व्यापक साक्षात्कार भी शामिल थे, जिन्होंने इस प्रणाली की अंदरूनी जानकारी प्रदान की और महत्वपूर्ण रूप से, टीम ने इन फॉर्मों में दिए गए कई आवासीय और शैक्षणिक संस्थानों के पतों का जमीनी सत्यापन भी किया, जिससे धोखाधड़ी की व्यापक प्रकृति की पुष्टि हुई और यह साबित हुआ कि दिए गए पते फर्जी थे।
क्रिकेट की अखंडता पर गंभीर प्रभाव
यह घोटाला स्थानीय स्तर पर क्रिकेट प्रशासन की अखंडता और BCCI की निगरानी प्रणाली के बारे में गंभीर सवाल उठाता है। यह तथ्य कि ऐसी सुव्यवस्थित, अवैध प्रणाली राष्ट्रीय शासी निकाय की “नाक के नीचे” संचालित हो सकती है, निगरानी और प्रवर्तन में संभावित खामियों का सुझाव देता है। खिलाड़ियों का धोखाधड़ी से प्रवेश न केवल वास्तविक स्थानीय प्रतिभाओं को अवसरों से वंचित करता है, बल्कि खेल के प्रतिस्पर्धी संतुलन और नैतिक मानकों से भी समझौता करता है और यह उन खिलाड़ियों के मनोबल को भी तोड़ता है जो ईमानदारी से अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
इस सुनियोजित धोखाधड़ी के सामने आने से BCCI और CAP द्वारा तत्काल और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। यह भविष्य में ऐसी कदाचारों को रोकने के लिए खिलाड़ी पंजीकरणों के गहन ऑडिट और एक मजबूत सत्यापन प्रक्रिया की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। खेल की पवित्रता को बनाए रखने और क्रिकेट संस्थानों में रखे गए विश्वास को बनाए रखने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना सर्वोपरि है। इस मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी। चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।