Rajya Sabha Elections / रंजन और जया-सुमन,सपा किसे बनाएगी अपना तीसरा कैंडिडेट?

Zoom News : Feb 26, 2024, 03:15 PM
Rajya Sabha Elections: उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर मंगलवार को चुनाव है, 11 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. विधायकों की संख्या के आधार पर बीजेपी की सात और सपा की दो राज्यसभा सीट पर जीत तय है. बीजेपी आठवे कैंडिडेट संजय सेठ को जिताने की जुगत में है, जबकि देखना है कि सपा वरीयता के आधार पर अपना तीसरा कैंडिडेट जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और आलोक रंजन में से किसे बनाती है. सपा के पत्ते खोलने के बाद ही साफ होगा की मंगलवार को संजय सेठ से किसका मुकाबला होगा?

राज्यसभा की 10वीं सीट पर सपा और बीजेपी के बीच फाइट होनी है, जिसके लिए दोनों ही दल सियासी जोड़तोड़ और गणित बैठाने में जुटे हैं. बीजेपी की तरफ से राज्यसभा चुनाव में आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, सुधांशु त्रिवेदी, साधना सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ चुनावी मैदान में है. वहीं, सपा से जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक रंजन राज्यसभा प्रत्याशी हैं. बीजेपी के आठवें कैंडिडेट संजय सेठ हैं जबकि सपा का तीसरा प्रत्याशी अभी तय नहीं है.

बीजेपी राज्यसभा में सभी आठ सीटें जीतने की कोशिश में लगी हुई है. बीजेपी अपने एनडीए गठबंधन के सभी विधायकों को सोमवार को लोकभवन में राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की ट्रेनिंग देगी. सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टीसीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक के अलावा वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर बीजेपी, अपना दल (एस) सुभासपा और निषाद पार्टी के विधायकों को ट्रेनिंग देंगे कि कैसे वोट डालना है? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बैठक में मौजूद रहेंगे.


वहीं, सपा अपने विधायकों को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की प्रक्रिया समझा चुकी है. शनिवार को रामगोपाल यादव ने प्रदेश सपा मुख्यालय पर विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान के तरीके बताने का काम किया. इस दौरान अखिलेश यादव और शिवपाल यादव मौजूद रहे. इस मौके पर विधायकों को बताया गया कि वोटिंग के दौरान उन्हें किस तरह की सावधानियां रखनी है और किन चीजों का इस्तेमाल नहीं करना है. इस प्रशिक्षण के दौरान छह विधायकों को छोड़कर ज्यादातर सपा विधायक मौजूद रहे.

सपा नेताओं के मुताबिक बैठक में मौजूद नहीं रहने वाले विधायकों ने पहले ही अपनी सूचना राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को दे दी थी. सपा का दावा है कि वोटिंग के दौरान सभी विधायक मौजूद रहेंगे. पल्लवी पटेल को भी कहा जा रहा है कि सपा नेतृत्व ने साध लिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सपा के तीनों राज्यसभा प्रत्याशी जीतेंगे और इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गई है. सोमवार को सपा ने अपने सभी विधायकों को एक बार फिर से पार्टी कार्यलय में बुलाया है.

सपा को लगा बड़ा झटका

सपा को राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से पहले एक बड़ा झटका लगा है. सपा विधायक इरफान सोलंकी वोटिंग नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कोर्ट ने उन्हें आगामी राज्यसभा चुनाव में वोट करने से रोक दिया है. जेल में बंद सपा विधायक रामकांत यादव और इरफान सोलंकी को मतदान की अनुमति देने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई है. सपा सूत्रों का कहना है कि रमाकांत यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी होने में समय लगने के कारण वे जेल से बाहर नहीं आ सके हैं. इसलिए उन्हें मतदान की अनुमति देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने इरफान सोलंकी की अनुमति की अर्जी खारिज कर दी है.

जया-सुमन-रंजन में तीसरा कैंडिडेट?

सपा ने राज्यसभा चुनाव में तीन प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें से दो की जीत तय है, लेकिन तीसरे प्रत्याशी के लिए काफी मशक्कत करनी होगी. सपा राज्यसभा चुनाव में वरीयता के आधार पर जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन में से किसे अपना तीसरा उम्मीदवार बनाती है. राज्यसभा चुनाव में पीडीए को लेकर सपा में जिस तरह से सवाल खड़े हुए हैं, उसमें रामजीलाल सुमन को सपा पहला कैंडिडेट बना सकती है. इसके अलावा जया बच्चन और आलोक रंजन में से कोई एक सपा का तीसरा कैंडिडेट होगा, जिसे बीजेपी के संजय सेठ से मुकाबला करना पड़ेगा?

राज्यसभा में एक प्रत्याशी को जिताने के लिए 37 विधायकों के मतों की जरूरत है. सपा को अपने तीनों प्रत्याशी जिताने के लिए 111 विधायकों के मतों की जरूरत है, उसके पास 108 विधायक हैं, इनमें से दो विधायक जेल में हैं और कांग्रेस के दो विधायकों के मत मिलने के बावजूद उसे और तीन विधायकों के मतों की जरूरत पड़ेगी. इसीलिए सपा एक-एक वोट जोड़ने में जुटी है, जिसके लिए राजा भैया तक से गुहार लगा चुकी है. राजा भैया की पार्टी के पास दो विधायक हैं. सपा के द्वारा बुलाई गई बैठक में दो महिला सहित चार विधायक नहीं आए. हालांकि, इन विधायकों ने सपा मुखिया को पहले ही पत्र लिखकर प्रशिक्षण में नहीं आने की बात कही थी.

सपा का तीसरे कैंडिडेट का खेल क्या है?

राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करने की एक प्रक्रिया है. राज्यसभा चुनाव कोई गुप्त मतदान नहीं होता और न इसमें ईवीएम का प्रयोग होता. यहां हर उम्मीदवार के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है. विधायकों को वरीयता के आधार पर राज्यसभा कैंडिडेट के नाम से उसपर निशान लगाना होता है. एक विधायक एक ही बार वोट दे सकता है. विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देते हैं. उनको बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन. पहली पसंद के वोट जिसे मिलेंगे, उसे जीता माना जाता है.

सपा को अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए तीन अतरिक्त वोट चाहिए होंगे, जिसके लिए वरियता के आधार पर तीसरे नंबर के कैंडिडेट के लिए काफी चैलेंज है. इसीलिए सपा अपने विधायकों को ट्रेंनिंग देने में जुटी है. रामगोपाल ने सपा की बैठक में बताया कि राज्यसभा चुनाव के मतपत्र में विधायक को उसके आवंटित प्रत्याशी के समक्ष केवल एक खड़ी लाइन खींचनी है. किसी भी दूसरे खाने में वह छूनी नहीं चाहिए. मतपत्र में अपने पेन से वोट नहीं देंगे. पीठाशीन के द्वारा दिए गए पेन का ही इस्तेमाल करना होगा. इसके बाद सभी विधायकों को अपना मत पोलिंग एजेंट को दिखाकर डालना होगा. सपा ने राज्यसभा चुनाव में मतदान का प्रशिक्षण कराने के लिए पार्टी ने डमी मतपत्र तैयार कराए हैं, जिसकी ट्रेंनिंग सोमवार को पार्टी कार्यलय में विधायकों को दोबारा से दी जाएगी.

राज्यसभा चुनाव में वोट का गणित

यूपी विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 403 है. इनमें से 3 सदस्यों का निधन हो चुका है. बीजेपी के एक सदस्य अयोग्य हैं. इस तरह कुल 399 विधायक है, जिनमें 3 सदस्य जेल में हैं. दो सपा के रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी और एक सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी हैं. जेल में बंद विधायकों को राज्यसभा के चुनाव में मतदान में हिस्सा लेने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई है. इस तरह से एक राज्यसभा के लिए 37 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. बीजेपी को अपने 8 राज्यसभा सदस्यों को जितान लिए 296 विधायकों का समर्थन चाहिए जबकि सपा को तीन राज्यसभा सीट जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए होगा. जयंत चौधरी के एनडीए खेमे में आने से बीजेपी के लिए आठवें कैंडिडेट की राह आसान हुई है, लेकिन जीत तय नहीं है. इसके लिए एक-एक वोट के जुगाड़ में सपा और बीजेपी लगी हुई हैं, जिसमें वरीयता का दांव बहुत अहम हो जाता है.

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