Corona Vaccine News / रूस ने तो लॉन्‍च भी कर दी कोरोना वैक्‍सीन, अगला नंबर किसका

NavBharat Times : Aug 11, 2020, 04:11 PM
Delhi: दुनिया की पहली अप्रूव्‍ड कोरोना वायरस वैक्‍सीन रूस से सामने आई है। राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को मीडिया के सामने वैक्‍सीन के रजिस्‍टर्ड होने का ऐलान किया। पुतिन के अनुसार, कोरोना टीके को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। तय प्रक्रिया के अनुसार, अब यह वैक्‍सीन सबसे पहले हेल्‍थ वर्कर्स को लगाई जाएगी और फिर सीनियर सिटिजंस को। रूस ने पहले ही कहा था कि वह वैक्‍सीन रजिस्‍टर होते ही उसे पब्लिक यूज के लिए उपलब्‍ध करा देगा। सितंबर से बड़े पैमाने पर वैक्‍सीन का उत्‍पादन शुरू हो सकता है और अक्‍टूबर से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया जा सकता है। अब सवाल उठता है कि रूस के बाद वैक्‍सीन लॉन्‍च करने का नंबर किसका है?

चीन, अमेरिका या ब्रिटेन, कौन मारेगा बाजी?

वैक्‍सीन डेवलपमेंट का फिलहाल जो स्‍टेटस है, उसके हिसाब से तीन देशों की वैक्‍सीन फेज-3 यानी अंतिम दौर के ट्रायल्‍स से गुजर रही हैं। इनमें सबसे ऐडवांस्‍ड वैक्‍सीन ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी-अस्‍त्राजेनेका की वैक्‍सीन बताई जा रही है। उसके बाद अमेरिकन कंपनी मॉडर्ना की वैक्‍सीन है जिसका एक बड़ा ट्रायल अमेरिका में हो रहा है। चीन ने कोविड-19 की तीन वैक्‍सीन बना ली हैं जिनका अलग-अलग देशों में फेज 3 ट्रायल चल रहा है।


चीन के आगे निकलने के चांसेज ज्‍यादा

चीन की CanSino Biologics की वैक्‍सीन को वहां पर इंसानों पर इस्‍तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। फायनेंशियल टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, यह वैक्‍सीन चीनी सेना के जवानों को लगाई जा रही है। यानी ठीक रूस की तरह चीन भी वैक्‍सीन डेवलपमेंट के रास्‍ते पर आगे बढ़ रहा है। फिलहाल इस वैक्‍सीन का बड़ा ट्रायल सऊदी अरब में शुरू होने वाला है।


UK की वैक्‍सीन भी मजबूत दावेदार

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्‍सफर्ड और अस्‍त्राजेनेका ने चिम्‍पांजी वायरस से य वैक्‍सीन बनाई है। इसमें कोरोना वायरस पर मिलने वाले प्रोटीन स्‍पाइक्‍स का जेनेटिक कोड शामिल किया गया है जो शरीर में मजबूत इम्‍युन रेस्‍पांस पैदा करता है। यह वैक्‍सीन अधिकतर एक्‍सपर्ट्स की नजर में दुनिया की सबसे ऐडवांस्‍ड वैक्‍सीन है। मगर इसके साल के आखिर या 2021 की शुरुआत तक लॉन्‍च होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस वैक्‍सीन का फेज 3 ट्रायल यूके के अलावा ब्राजील और साउथ अफ्रीका में चल रहा है।


अमेरिका भी टीके की रेस में पीछे नहीं

अमेरिकन कंपनी Moderna की वैक्‍सीन भी फेज 3 ट्रायल में है। यह मैसेंजर RNA (mRNA) का इस्‍तेमाल करके बनाई गई है और शरीर को धोखा देकर वायरल प्रोटीन्‍स बनाने पर मजबूर करती है। हालांकि इसमें दिक्‍कत ये है कि आजतक किसी संक्रामक बीमारी के लिए कोई भी mRNA वैक्सीन अप्रूव नहीं हुई है और मॉडर्ना भी पहले कभी वैक्‍सीन लेकर नहीं आई है। लेकिन वैक्‍सीन के समर्थक कहते हैं कि इसे बड़े पैमाने पर बना पाना आसान होगा।

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