- भारत,
- 02-Dec-2025 02:28 PM IST
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप को लेकर चल रही अटकलों और विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर विराम लगा दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यह ऐप पूरी तरह से वैकल्पिक है और उपयोगकर्ता इसे अपनी इच्छानुसार रख सकते हैं या हटा सकते हैं। सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया कि ऐप का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा। सुनिश्चित करना है, न कि उनकी जासूसी करना, जैसा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है।
उपभोक्ता सुरक्षा पर जोर
संचार साथी ऐप को फोन कंपनियों द्वारा प्री-इंस्टॉल करने के निर्देश के बाद से ही विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस ऐप को 'जासूस ऐप' करार दिया था और नागरिकों की निजता के अधिकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि हर किसी को सरकार की निगरानी के बिना अपने परिवार और दोस्तों को संदेश भेजने की निजता का अधिकार होना चाहिए। सीपीआई-एम सांसद जॉन ब्रिटास ने भी इस ऐप को लोगों की निजता में खुला दखल और सुप्रीम कोर्ट के 2017 के पुट्टास्वामी जजमेंट का उल्लंघन बताया था। इन आरोपों के जवाब में, सिंधिया ने कहा कि जब विपक्ष के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं होता, तो वे कुछ न कुछ खोजने की कोशिश करते हैं, और ऐसे में सरकार उनकी मदद नहीं कर सकती। उन्होंने दोहराया कि सरकार का काम उपभोक्ताओं की मदद करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सिंधिया ने बताया कि संचार साथी ऐप को विशेष रूप से उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया है। यह ऐप हर उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि यह ऐप जासूसी या कॉल मॉनिटरिंग को सक्षम नहीं करता है। उपयोगकर्ता इसे अपनी इच्छानुसार सक्रिय या निष्क्रिय कर सकते हैं। यदि कोई उपयोगकर्ता संचार साथी ऐप नहीं चाहता है, तो वह इसे किसी भी अन्य ऐप की तरह अपने मोबाइल फोन से हटा सकता है। यह पूरी तरह से उपयोगकर्ता के विवेक पर निर्भर करता है कि वह इसे अपने डिवाइस पर रखे या नहीं और यह स्पष्टीकरण उन चिंताओं को दूर करने के लिए दिया गया है जो ऐप के अनिवार्य होने और निजता के उल्लंघन के बारे में उठाई जा रही थीं।संचार साथी की उपलब्धियां और प्रभाव
केंद्रीय मंत्री ने संचार साथी ऐप की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संचार साथी पोर्टल को 20 करोड़ से. अधिक बार डाउनलोड किया गया है, जबकि ऐप को 1. 5 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में लोग इस पहल का लाभ उठा रहे हैं। सिंधिया ने आगे कहा कि संचार साथी ने लगभग 1. 75 करोड़ धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शनों को डिस्कनेक्ट करने में मदद की है और इसके अतिरिक्त, लगभग 20 लाख चोरी हुए फोन का पता लगाया गया है और इनमें से लगभग 7. 5 लाख चोरी हुए फोन उनके वास्तविक उपभोक्ताओं को सफलतापूर्वक सौंप दिए गए हैं और ये आंकड़े ऐप की प्रभावशीलता और उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और चोरी से बचाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं। क्या है संचार साथी ऐप? संचार साथी ऐप भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) की एक नागरिक-केंद्रित पहल है। सरकार का दावा है कि इसे मोबाइल उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा मजबूत करने और विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसका प्राथमिक लक्ष्य लोगों को धोखाधड़ी और अन्य मोबाइल-संबंधित अपराधों से बचाना है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल कनेक्शन को ट्रैक करने, चोरी हुए या खोए हुए। फोन को ब्लॉक करने और धोखाधड़ी वाले कनेक्शन की रिपोर्ट करने जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। दूरसंचार विभाग ने 28 नवंबर को मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं और आयातकों को निर्देश दिया था कि वे 90 दिनों के भीतर सभी नए उपकरणों में इस धोखाधड़ी की सूचना देने वाले ऐप को पहले से इंस्टॉल करें, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ था और सिंधिया के स्पष्टीकरण से अब यह साफ हो गया है कि यह प्री-इंस्टॉलेशन के बावजूद एक वैकल्पिक सुविधा है।#WATCH | Delhi | On the debate around Sanchar Saathi app, Union Minister for Communications Jyotiraditya Scindia says, "When the opposition has no issues, and they are trying to find some, we cannot help them. Our duty is to help the consumers and ensure their safety. The Sanchar… https://t.co/Kr3juNrGFq pic.twitter.com/npwm9R1Kf2
— ANI (@ANI) December 2, 2025
