बॉलीवुड / सुशांत के सुसाइड के बाद अब शर्लिन चोपड़ा ने किया खुलासा, बोलीं- मेरी भी हो गई थी ऐसी हालत

ABP News : Jun 24, 2020, 09:28 AM
बॉलीवुड डेस्क | बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद फैंस से लेकर सेलेब्स सभी हैरान और कई सेलेब्स ने सुशांत के बाद अपने बुरे वक्त को याद कर अनुभवों को शेयर कर रहे हैं। ऐसी ही एक एक्ट्रेस हैं शर्लिन चोपड़ा। बॉलीवुड अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा ने अपने जीवन की कहानी शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे वह डिप्रेशन में आईं और कैसे वह उस दौर से गुजरी हैं।

शर्लिन बताती हैं, "2005 की शुरुआत में, मेरे पिताजी, जो एक डॉक्टर थे, उनकी मृत्यु कार्डियक अटैक से हुई थी, जो कि एक गंभीर सनस्ट्रोक की वजह से आंध्र प्रदेश में सुनामी के पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान करते हुए हुआ था। जब मैं कॉलेज में थी तब मैंने अपने पिता को खो दिया था। 

शर्लिन ने आगे कहा, "मुझे नहीं पता था कि माता-पिता के बिना कैसे रहना है। वर्षों के बाद, मैंने महसूस किया है कि किसी व्यक्ति में आत्म-मूल्य और आत्म-प्रेम की भावना किसी बाहरी कारणों से नहीं पैदा होती है, बल्कि हम खुद के साथ संवाद करके इसे पा सकते है। मैंने धीरे-धीरे खुद ही कम आलोचनात्मक और अपने प्रति अधिक प्यार और दयालु होना शुरू कर दिया।"

उन्होंने आगे कहा, "मैंने महसूस किया है कि दुनिया में बुरे लोग है लेकिन ये बुरी जगह नहीं है, बल्कि सभी प्रकार के लोगों के लिए ये एक दिलचस्प जगह है। जीवन के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण इसे आसान बनाता है। जीवन को अपनाएं।"

शर्लिन आगे बताती हैं, "एक दो साल पहले, मैंने धूम्रपान छोड़ने और नियमित रूप से वर्कआउट करने का विकल्प चुनकर जीवन में स्वस्थ रहना शुरू कर दिया, ताकि मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सके। जैसा मैं महसूस करना चाहती हूं और मजबूत दिखना चाहती हूं।"

शर्लिन ने एक छोटे से उदाहरण के माध्यम से एक संदेश भी दिया, "जब प्रवासी मजदूरों ने भारत के विभिन्न राज्यों जैसे मुंबई और अन्य शहरों से अपने गांव- घर तक सैकड़ों किलोमीटर की दूरी नंगे पांव से चल कर पूरा किया हैं, जब COVID-19 के फ्रंट लाइन कार्यकर्ता और सेनानी पूरे दिन ,पूरी रात COVID-19 रोगियों की मदद का काम करना चुनते हैं।"

"उनके जीवन और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन को खतरे में डालकर जब गरीबी की रेखा से नीचे के लोग जीवन की रोजमर्रा की उथल-पुथल का सामना करने के लिए चुनते हैं। विशेष रूप से, चल रही महामारी के दौरान हमें प्रेरणा मिलती है कि हम लड़ सकते है।"

"मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि सरकार कमजोर व्यक्तियों के लिए आराम और परामर्श प्रदान करे और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में पहले से कहीं अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए कई हॉटलाइन सेवाएं स्थापित करे ताकि सभी मानिसक रूप से परेशान लोगो की मदद की जा सके।" 

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER