राजस्थान सरकार ने बुधवार, 24 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल करते हुए पांच भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इसके साथ ही, एक IAS अधिकारी के पहले के तबादले को रद्द करने का भी आदेश जारी किया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा देर रात जारी किए गए इन आदेशों ने राज्य के विभिन्न प्रमुख विभागों में नेतृत्व परिवर्तन को चिह्नित किया है, जिससे प्रशासनिक दक्षता और नई रणनीतियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
जयपुर विकास प्राधिकरण में नया नेतृत्व
इस फेरबदल में सबसे प्रमुख बदलावों में से एक जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के शीर्ष पद पर हुआ है। मौजूदा जेडीसी आईएएस आनंदी को रजिस्ट्रार (सहकारिता) के पद पर स्थानांतरित किया गया है। आनंदी ने जयपुर के शहरी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और अब उन्हें सहकारिता क्षेत्र में नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। उनके स्थान पर, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद से पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे आईएएस सिद्धार्थ महाजन को जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त (JDC) के रूप में नियुक्त किया गया है। महाजन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद से ही एपीओ (पदस्थापन की प्रतीक्षा में) चल रहे थे, और अब उन्हें राज्य की राजधानी के शहरी नियोजन और विकास की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। यह नियुक्ति जयपुर के भविष्य के विकास पथ के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

जनसंपर्क विभाग में बदलाव
प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत, जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के अतिरिक्त आयुक्त राकेश शर्मा को सूचना। एवं जनसंपर्क विभाग के आयुक्त और संयुक्त शासन सचिव के पद पर स्थानांतरित किया गया है। यह विभाग सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राकेश शर्मा का अनुभव इस विभाग को नई दिशा देने में सहायक हो सकता है, विशेषकर जनसंचार और मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में। यह बदलाव सरकार और जनता के बीच संचार को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा हो सकता है।
कृषि एवं सहकारिता क्षेत्र में प्रमुख परिवर्तन
सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव और सहकारिता रजिस्ट्रार मंजू राजपाल को अब कृषि एवं उद्यानिकी, पंचायती (कृषि) विभाग और राज्य बीज निगम लिमिटेड की शासन सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है और यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है क्योंकि मंजू राजपाल को अब कृषि क्षेत्र के व्यापक दायरे की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें किसानों के कल्याण, कृषि उत्पादन में वृद्धि और बीज आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन शामिल है। सहकारिता से कृषि क्षेत्र में उनका स्थानांतरण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कृषि विकास को बढ़ावा देने की सरकार के एजेंडे को दर्शाता है।
मानवाधिकार आयोग में नई भूमिका
देवस्थान विभाग के आयुक्त बाबूलाल गोयल का तबादला राज्य मानवाधिकार आयोग में सचिव के पद पर किया गया है और मानवाधिकार आयोग एक महत्वपूर्ण संस्था है जो राज्य में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए काम करती है। बाबूलाल गोयल की इस नई भूमिका में नियुक्ति आयोग के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में मदद करेगी। यह कदम राज्य में सुशासन और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक और प्रयास है।
एक तबादला निरस्त
इन तबादलों के बीच, एक महत्वपूर्ण निर्णय आईएएस डॉ. ओम प्रकाश बैरवा के संबंध में लिया गया है और उनके पहले के तबादले को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। पिछले महीने, 21 नवंबर को, डॉ. ओम प्रकाश बैरवा का तबादला कॉलेज शिक्षा विभाग के आयुक्त पद से राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग, जयपुर के पद पर किया गया था और हालांकि, कार्मिक विभाग द्वारा जारी नवीनतम आदेश के अनुसार, यह तबादला निरस्त कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि डॉ. बैरवा अपनी पिछली भूमिका में बने रहेंगे या उनके लिए कोई नई व्यवस्था की जाएगी और इस निरस्तीकरण के पीछे के कारणों का तत्काल खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह दर्शाता है कि सरकार प्रशासनिक नियुक्तियों में लचीलापन बनाए रखती है।
कुल मिलाकर, ये तबादले राजस्थान सरकार की प्रशासनिक मशीनरी को पुनर्गठित करने और विभिन्न विभागों में नई ऊर्जा लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इन परिवर्तनों से राज्य के विकास और सुशासन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।