IND vs ENG / शुभमन गिल की रणनीति की खुली पोल, आखिर ये खिलाड़ी टीम में क्यों ?

मैनचेस्टर टेस्ट में कप्तान शुभमन गिल के फैसले सवालों के घेरे में हैं। टीम इंडिया पहली पारी में 358 रन पर सिमटी। गेंदबाजी में सुंदर को मौका न देना सबको हैरान कर गया। इंग्लैंड बिना परेशानी 166 रन जोड़ गया। गिल की कप्तानी और सुंदर की भूमिका पर अब बहस तेज हो गई है।

IND vs ENG: मैनचेस्टर टेस्ट के दो दिन पूरे हो चुके हैं, और दोनों टीमें अभी तक बराबरी पर हैं। लेकिन इस बीच, भारतीय कप्तान शुभमन गिल की कप्तानी और उनके फैसलों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। न केवल उनकी बल्लेबाजी में कमी दिख रही है, बल्कि मैदान पर लिए गए कुछ फैसले भी किसी की समझ से परे हैं। खास तौर पर, दूसरे दिन जब भारतीय टीम गेंदबाजी कर रही थी, तब गिल का एक निर्णय सबको हैरान कर गया। आखिर वॉशिंग्टन सुंदर को गेंदबाजी न देकर गिल क्या साबित करना चाहते थे?

भारत की पहली पारी: केवल 358 रन

मैनचेस्टर टेस्ट में भारतीय टीम की पहली पारी महज 358 रनों पर सिमट गई। साई सुदर्शन ने 151 गेंदों पर 61 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन जोड़े। उनके अलावा यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत ने अर्धशतक जड़े, लेकिन कोई भी बल्लेबाज शतक तक नहीं पहुंच सका। भारतीय बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी साफ दिखी, और कप्तान गिल का बल्ला भी खामोश रहा। इस स्कोर के साथ भारत ने इंग्लैंड को गेंदबाजी का मौका दिया, लेकिन यहां भी गिल के फैसलों ने सबको चौंका दिया।

वॉशिंग्टन सुंदर को क्यों नहीं मिली गेंदबाजी?

दूसरे दिन इंग्लैंड की बल्लेबाजी के दौरान भारत ने 46 ओवर फेंके, लेकिन वॉशिंग्टन सुंदर को एक भी ओवर नहीं दिया गया। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉले और बेन डकेट ने 166 रनों की मजबूत साझेदारी की, जिसे रवींद्र जडेजा ने तोड़ा। इसके बावजूद, गिल ने अपने दूसरे स्पिनर सुंदर को गेंदबाजी का मौका नहीं दिया। यह फैसला कई सवाल खड़े करता है। क्या सुंदर को केवल बल्लेबाज के तौर पर चुना गया है? अगर ऐसा है, तो फिर करुण नायर या अभिमन्यु ईश्वरन जैसे शुद्ध बल्लेबाजों को मौका क्यों नहीं दिया गया? और अगर स्पिनर की जरूरत थी, तो कुलदीप यादव बेहतर विकल्प हो सकते थे।

सुंदर की भूमिका पर सवाल

वॉशिंग्टन सुंदर को टीम में शामिल करने का मकसद क्या था? अगर वे बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं, तो उनकी बल्लेबाजी का प्रदर्शन भी औसत ही रहा है। और अगर वे ऑलराउंडर के तौर पर हैं, तो फिर उनकी गेंदबाजी का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? क्या पता, सुंदर एक-दो विकेट लेकर भारत को बेहतर स्थिति में ला सकते थे। गिल का यह फैसला समझ से परे है और इसे रणनीतिक चूक माना जा रहा है।

आगे क्या?

फिलहाल, मैच में दोनों टीमें बराबरी पर हैं, लेकिन भारत की स्थिति थोड़ी कमजोर दिख रही है। तीसरे दिन का खेल अब यह तय करेगा कि मैच किस दिशा में जाएगा। गिल की कप्तानी और उनके फैसलों पर नजरें टिकी हैं। क्या वे अपने रणनीतिक फैसलों से भारत को वापसी करा पाएंगे, या फिर यह टेस्ट उनके लिए और चुनौतीपूर्ण साबित होगा? यह तो समय ही बताएगा।