दुनिया / चीन के स्कूलों में लागू स्मार्ट यूनिफॉर्म, नींद से बेहाल बच्चों को देखते ही बजेगा अलार्म

News18 : Sep 05, 2020, 04:23 PM
Delhi: एक तरफ देश से लेकर दुनियाभर में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, वहीं चीन में जनजीवन लगभग पटरी पर लौट आया है। वहां पर दफ्तरों और ट्रांसपोर्ट के साथ ही स्कूल-कॉलेज भी खुल चुके हैं। किंडरगार्टन से लेकर बड़ी कक्षाओं के बच्चे भी मास्क पहनकर स्कूल जा रहे हैं। वैसे चीन के स्कूलों में पढ़ाई के तरीके चुनौतीपूर्ण माने जाते हैं। फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए ही वहां स्कूली बच्चों के लिए एक इंटेलिजेंट यूनिफॉर्म बनी है। ये बच्चों की हर हरकत पर नजर रखती है। यहां तक कि ये भी ट्रैक करती है कि उसने होमवर्क किया या नहीं। चीन के स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए स्मार्ट यूनिफार्म शुरू की गई है। इसे उन्हें पहनकर स्कूल आना होगा।

इस यूनिफार्म की खासियत ये है कि इसमें दो तरह की चिप लगी होंगी, एक जीपीएस ट्रैकर का काम करेगा और दूसरा चेहरे की पहचान करेगा यानि फेशियल रिकॉग्निशन।इस यूनिफार्म को दक्षिण पश्चिमी चीन के प्रांत गुझाऊ (Guizhou) के कई स्कूलों में लागू किया जा चुका है। इसका उद्देश्य ये है कि बच्चे नियमित तौर पर स्कूल आएं। स्कूल आने के बहाने इधर उधर नहीं चले जाएं। वो जहां कहीं भी हों, उनका पता लग जाए। अगर वो स्कूल में आने के बाद अगर क्लास में नहीं होकर खेलकूद रहे हों या मस्ती कर रहे हों तो उसका भी पता लग जाए।  चीन की ही एक कंपनी ने इस स्मार्ट यूनिफॉर्म को तैयार किया है। इस यूनिफॉर्म के दोनों कंधों पर दो चिप लगे हैं। ये न तो धोने से खराब होंगे और न ही ज्यादा तापमान पर। जैसे ही बच्चा स्कूल में पहुंचेगा, मॉनिटर्स के जरिए उसका आने का समय और दिन रिकॉर्ड हो जाएगा। एक मोबाइल एप के जरिए तुरंत बच्चों के पेरेंट्स को एक छोटा वीडियो भेज दिया जाएगा।

अगर बच्चा क्लास में सोता है तो तुरंत अलार्म बचने लगेगा। ऐसा होगा यूनिफॉर्म में लगी फेशियल रिकॉग्निशन के जरिए। अगर बच्चे यूनिफॉर्म को आपस में बदलना चाहें तो वो ऐसा भी नहीं कर सकते, क्योंकि यूनिफॉर्म में लगी फेशियल रिकॉग्निशन चिप उन्हें ऐसा करने से रोकेगी या तुरंत बता देगी कि ये यूनिफॉर्म जिसकी है, उसने इसे नहीं पहना है। लिहाजा अगर कोई स्कूली बच्चा अपनी यूनिफॉर्म को दूसरे बच्चे को पहनाकर उसे स्कूल भेजना चाहे तो ऐसा नहीं होने वाला।स्मार्ट यूनिफॉर्म बच्चों के स्कूल आने से लेकर उनके घर पहुंचने तक के समय तक उनकी लोकेशन की जानकारी मॉनिटर पर दर्ज करता रहेगा। इससे स्कूल और पेरेंट्स दोनों को मालूम रहेगा कि बच्चे कहां हैं क्या वो रास्ते से कहीं इधर उधर तो नहीं चले गए। स्मार्ट यूनिफॉर्म सिस्टम लागू करने के पीछे का मकसद है कि बच्चों को कहीं भटकने से रोका जा सके और उनका मन पूरी तरह से पढ़ाई में लग सके।

हालांकि सोशल साइट्स पर ऐसा कहने वालों की कमी नहीं है कि ऐसा करके बच्चों के मानवाधिकार से खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे स्कूल बच्चों की जिंदगी पर 24 घंटे लगातार नजर रखेंगे। यहां तक कि कोई बच्चा अगर नींद से बेहाल हो जाए तो उसे सोने पर सजा मिलेगी। स्मार्ट यूनिफॉर्म बच्चों के स्कूल आने से लेकर उनके घर पहुंचने तक के समय तक उनकी लोकेशन की जानकारी मॉनिटर पर दर्ज करता रहेगा। इससे स्कूल और पेरेंट्स दोनों को मालूम रहेगा कि बच्चे कहां हैं क्या वो रास्ते से कहीं इधर उधर तो नहीं चले गए। स्मार्ट यूनिफॉर्म सिस्टम लागू करने के पीछे का मकसद है कि बच्चों को कहीं भटकने से रोका जा सके और उनका मन पूरी तरह से पढ़ाई में लग सके। हालांकि सोशल सावैसे चीन में पढ़ाई आसान नहीं। यहां शिक्षा प्रणाली को चार स्टेप में शेयर किया है। बेसिक एजुकेशन, ऑक्युपेशनल एजुकेशन, हायर एजुकेशन और एडल्ट एजुकेशन।

बेसिक एजुकेशन में प्री-स्कूल की पढ़ाई, छह साल तक प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई, तीन साल जूनियर सेकंड्री स्कूलिंग और तीन साल सीनियर सेकंड्री स्कूलिंग की पढ़ाई में लगते है। जूनियर मिडिल स्कूल के बाद, स्टूडेंट्स खुद डिसाइड करते हैं, उन्हें रेगुलर सेकंड्री मिडिल स्कूल जाएंगे, या वोकेशनल स्कूल या फिर सेकंड्री प्रोफेशनल स्कूल। सेकंड्री स्कूल वाले स्टूडेंट्स पर अपनी पढ़ाई के साथ-साथ Gaokao के लिए तैयार करना होता है। Gaokao वहां की नेशनल हायर एजुकेशन के लिए एन्ट्रेंस एग्जाम है। इसी एग्जाम के नंबरों के आधार पर स्टूडेंट्स की भर्ती हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट में होती है। Gaokao एन्ट्रेंस एग्जाम नौ घंटे का होता है। पहली दफा में केवल 40% छात्र ही पास कर पाते हैं। इस टेस्ट में स्टूडेंट्स के स्किल का मापदंड चीनी भाषा की नॉलेज, मैथ्स, एक फॉरन लेंग्वेज और कई ऑप्शनल सब्जेक्ट का आधार होता है। इसी टेस्ट के आधार पर उन्हें यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलता है। 

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