IND vs ENG / टीम इंडिया ने बना दिया शर्मनाक रिकॉर्ड, पहली बार टेस्ट ​क्रिकेट के इतिहास में हुआ ये काम

भारतीय क्रिकेट टीम ने मैनचेस्टर में 10वां टेस्ट भी नहीं जीत सकी। शुभमन गिल की कप्तानी में टीम ने ड्रॉ किया, पर ये टेस्ट क्रिकेट का पहला ऐसा रिकॉर्ड बन गया जब भारत ने एक ही मैदान पर 10 मैच खेलकर भी एक भी जीत हासिल नहीं की।

IND vs ENG: भारतीय क्रिकेट टीम ने भले ही मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ करा लिया हो, लेकिन इस मैच में टीम ने एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर एक अनचाहा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। यह मैदान भारतीय टीम के लिए अभेद्य किला साबित हुआ है, जहां जीत हासिल करना टेढ़ी खीर रहा है। अब सवाल यह है कि यह सिलसिला कब तक चलेगा और भारतीय टीम को मैनचेस्टर में पहली जीत के लिए कितना इंतजार करना होगा?

मैनचेस्टर: भारत के लिए जीत का सूखा

इंग्लैंड का मैनचेस्टर मैदान भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक पहेली बना हुआ है। साल 1936 में पहली बार इस मैदान पर भारतीय टीम ने टेस्ट मैच खेला था। तब से अब तक, यानी करीब नौ दशकों में, भारत ने यहां कुल 10 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें से चार में भारत को हार का सामना करना पड़ा, जबकि छह मुकाबले ड्रॉ रहे। लेकिन जीत का खाता आज भी खाली है। यह भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ है कि टीम ने किसी एक स्टेडियम पर 10 टेस्ट मैच खेल लिए हों और एक भी जीत न मिली हो। यह रिकॉर्ड न केवल शर्मनाक है, बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी निराशाजनक है।

बारबाडोस का भी यही हाल

मैनचेस्टर अकेला मैदान नहीं है, जहां भारत को जीत के लिए तरसना पड़ रहा है। वेस्टइंडीज के बारबाडोस में भी भारतीय टीम का रिकॉर्ड कुछ ऐसा ही है। भारत ने बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में 9 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से सात में उसे हार मिली और दो ड्रॉ रहे। यहां भी जीत का खाता खाली है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत पहले मैनचेस्टर में जीत का स्वाद चखता है या बारबाडोस में। हालांकि, दोनों मैदानों पर अगले टेस्ट के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

सीरीज बराबर करने का सुनहरा मौका

वर्तमान सीरीज की बात करें तो चौथा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद भारतीय टीम के पास सीरीज को बराबर करने का शानदार अवसर है। अभी तक इंग्लैंड ने दो मैच जीते हैं, जबकि भारत ने एक में जीत हासिल की है। अब 31 जुलाई से शुरू होने वाला पांचवां और अंतिम टेस्ट निर्णायक होगा। अगर भारतीय टीम यह मैच जीत लेती है, तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी। लेकिन अगर इंग्लैंड ने जीत हासिल की या मैच ड्रॉ रहा, तो इंग्लैंड सीरीज पर कब्जा जमा लेगा।

चुनौती और उम्मीद

मैनचेस्टर में जीत का सूखा भारतीय टीम के लिए एक चुनौती है, लेकिन यह भी सच है कि मौजूदा भारतीय टीम में प्रतिभा और जज्बे की कोई कमी नहीं है। शुभमन गिल की कप्तानी में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण इस सीरीज में पहले भी कमाल दिखा चुका है। अब देखना यह है कि क्या यह टीम मैनचेस्टर के अभिशाप को तोड़ पाएगी और भविष्य में इस मैदान पर जीत का परचम लहराएगी। फिलहाल, प्रशंसकों की निगाहें 31 जुलाई के आखिरी टेस्ट पर टिकी हैं, जहां भारत के पास न केवल सीरीज बराबर करने, बल्कि अपनी ताकत साबित करने का मौका होगा।