बड़ी राहत / टेलीकॉम कंपनी Vodafone ने भारत सरकार के खिलाफ जीता 20 हजार करोड़ का मुकदमा

Zoom News : Sep 25, 2020, 05:06 PM
Delhi: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का एक अहम मुकदमा जीत लिया है। आपको बता दें कि भारत सरकार और वोडाफोन के बीच यह मामला 20,000 करोड़ के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को लेकर था।  वोडाफोन और सरकार के बीच कोई सहमति ना बन पाने के कारण 2016 में कंपनी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख किया था। लंबी सुनवाई के बाद वोडाफोन को राहत मिली है। इस केस में वोडाफोन के पक्ष में फैसला आया है। मामले की सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने कहा है कि वोडाफोन पर भारत सरकार द्वारा डाली गई कर देनदारी भारत और नीदरलैंड के बीच के निवेश समझौता का उल्लंघन है। 

क्या है पूरा मामला

इस मामले की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। ये वही साल था जब वोडाफोन की भारत में एंट्री हुई। इस साल वोडाफोन ने हचिंसन एस्सार (जिसे हच के नाम से जाना जाता था ) का अधिग्रहण किया था। वोडाफोन ने हचिंसन एस्सार की 67 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। वोडाफोन ने इस अधिग्रहण के लिए 11 अरब डॉलर से ज्यादा का भुगतान किया था। हचिंसन एस्सार भारत में काम करने वाली मोबाइल कंपनी थी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पूंजीगत लाभ को आधार बनाते हुए कंपनी से टैक्स भरने की मांग की थी जिसे कंपनी ने चुकाने से मना कर दिया। कंपनी का तर्क था कि अधिग्रहण टैक्स के दायरे में ही नहीं आता है क्योंकि इस मामले में पूरा वित्तीय लेन-देन भारत में नहीं हुआ है। वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना था कि वोडाफोन ने वैसी संपत्ति का अधिग्रहण किया जो भारत में मौजूद थी। 






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