हिमाचल / बच्ची को गोबर में फेंकने वाली मां निकली 12वीं की छात्रा, रेप से हुई थी गर्भवती

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर (Sirmour) जिले में शिलाई उपमंडल के एक गांव में नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फेंकने के मामले को पुलिस ने महज 24 घंटे में ही सुलझाने का दावा किया है। बच्ची को जन्म देने वाली मां की पहचान करके पुलिस (Police) ने बुधवार को उसका मेडिकल करवाया है। जानकारी के अनुसार, नवजात शिशु को जन्म देने वाली नाबालिग लड़की स्कूल में पढ़ने वाली बारहवीं कक्षा की छात्रा है।

रोनहाट (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर (Sirmour) जिले में शिलाई उपमंडल के एक गांव में नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फेंकने के मामले को पुलिस ने महज 24 घंटे में ही सुलझाने का दावा किया है। बच्ची को जन्म देने वाली मां की पहचान करके पुलिस (Police) ने बुधवार को उसका मेडिकल करवाया है। जानकारी के अनुसार, नवजात शिशु को जन्म देने वाली नाबालिग लड़की स्कूल में पढ़ने वाली बारहवीं कक्षा की छात्रा है। उसने लोकलाज के भय से जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को गोबर के ढेर में फेंक दिया।

लड़की ने अपने बयान में बताया है कि उसके जीजा ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद वो गर्भवती हो गई। अविवाहित होने के चलते समाज और लोकलाज के डर से उसने अपने नवजात शिशु को पैदा होते ही को गोबर की ढेर में लावारिस छोड़ दिया था।

गोबर के ढेर में मिली थी बच्ची

दरअसल, रोनहाट उपतहसील की ग्राम पंचायत शंखोली के कमियारा-खड़काह गांव में मंगलवार को गोबर के ढेर के समीप लावारिस छोड़ी हुई एक नवजात बच्ची मिली थी, जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया था। नवजात की जान बचाने के बाद पुलिस के लिए उसकी मां की पहचान करना बड़ी चुनौती बनी हुई थी। सिरमौर पुलिस ने महज चौबीस घंटों में ही मामला सुलझा कर नवजात शिशु को जन्म देने वाली मां को तलाश निकालने में कामयाबी हासिल की है।

अस्पताल में भर्ती बच्ची

फिलहाल नवजात बच्ची नाहन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रही है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट की अध्यक्षता में बिठाए गए मेडिकल बोर्ड में बच्ची के सेहत की जांच चल रही है, जिसके बाद नवजात को आगामी देखरेख और पालन पोषण के लिए सिरमौर ज़िला की बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया जा सकता है।


रेप का केस दर्ज

पांवटा साहिब के डीएसपी बीर बहादुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि नवजात को जन्म के बाद लावारिस छोड़ने पर लड़की के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 और आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की तफ्तीश की जा रही है।