Jharkhand News / डिलीवरी के लिए नर्स ने 18,000 रुपयों का मांगा नेग, न देने पर 5 घंटे कराया इंतजार; नवजात की हुई मौत

Zoom News : Dec 25, 2022, 10:21 AM
Jharkhand News: झारखंड के लातेहार जिले से मानवता को कलंकित करने वाली एक घटना सामने आई है. इसमें अस्पताल के कर्मचारियों ने 18000 रुपये नेग के लिए पांच घंटे तक एक महिला का प्रसव रोक दिया. आखिर में महिला के परिजनों ने कान की बाली निकाल कर दी. इसके बाद प्रसव कराया गया, लेकिन इतने समय में बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी. इस घटना के बाद महिला के परिजनों ने आरोपी नर्सिंग कर्मियों के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है. पुलिस ने इनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

मामला लातेहार जिले के हेरहंज प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां शनिवार को एक दलित समुदाय की महिला प्रसव के लिए आई थी. यहां दो एएनएम (नर्स) ने प्रसव से पहले नेग के तौर पर 18,000 रुपयों की मांग की. महिला के परिजनों ने इतनी रकम दे पाने में असमर्थता जताई तो नर्सों ने प्रसव ही रोक दिया. आखिर में करीब पांच घंटे बाद परिजनों ने इन नर्सों की कान की बाली निकालकर दी. इसके बाद प्रसव कराया गया. लेकिन इतने समय में बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी. इसकी जानकारी होते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद हरकत में आए अस्पताल प्रबंधन ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया.

पांच घंटे तक दर्द से तड़पती रही महिला

परिजनों ने बताया कि प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया था. वह दर्द से तड़प रही थी. बावजूद इसके लालच के वशीभूत अस्पताल के कर्मचारियों ने उसका प्रसव रोक दिया. परिजनों ने बताया कि यदि समय रहते प्रसव कराया गया होता तो उनके बच्चे की जान बच गई होती. हंगामे की सूचना पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुरेश राम और बीडीओ प्रदीप कुमार दास मौके पर पहुंचे. इन्होंने पीड़ित परिवार से बात करने के बाद दोनों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उधर, परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया है.

बीजेपी ने की बर्खास्तगी की मांग

दलित परिवार के साथ सरकारी अस्पताल में हुई इस शर्मनाक घटना को लेकर बीजेपी हमलावर है. हेरहंज प्रखंड पहुंचे बीजेपी नेता और प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने दोनों एएनएम पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और इन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से एक दलित परिवार की बेटी का प्रसव केवल पैसों के लिए पांच घंटे तक रोक दिया गया, यह बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की.

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