संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हॉस्पिटल ने मरीज़ों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब हॉस्पिटल में ईसीजी जांच की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी, और सबसे खास बात यह है कि यह जांच मरीज़ों को उनके बेड पर ही मिल सकेगी। इस नई व्यवस्था से इमरजेंसी, ओपीडी या आईपीडी के मरीज़ों को ईसीजी जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, न ही उन्हें टेक्नीशियन का लंबा इंतजार करना होगा। यह पहल तत्काल और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने में सहायक होगी, जिससे मरीज़ों को समय पर सही निदान मिल सकेगा।
बेड पर ही ईसीजी जांच की सुविधा
इस नई प्रणाली के तहत, मरीज़ों को ईसीजी जांच के लिए किसी अन्य विभाग में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। टेक्नीशियन मशीन सहित सीधे मरीज़ के बेड पर पहुंचेंगे और वहीं जांच करेंगे। जांच के तुरंत बाद रिपोर्ट भी हाथों-हाथ उपलब्ध करा दी जाएगी। यह सुविधा विशेष रूप से उन मरीज़ों के लिए वरदान साबित होगी जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं या जिनकी स्थिति गंभीर है और जिन्हें तत्काल निदान की आवश्यकता है। इससे मरीज़ों की परेशानी कम होगी और उन्हें आराम से अपने बेड पर ही चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
क्यूआर कोड और हेल्पलाइन नंबर से त्वरित सेवा
ईसीजी जांच की सुविधा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए, हॉस्पिटल के वार्डों की दीवारों पर क्यूआर कोड और हेल्पलाइन नंबर लगाए जाएंगे। मरीज़ या उनके परिजन इन क्यूआर कोड को स्कैन करके या हेल्पलाइन नंबर डायल करके ईसीजी जांच का अनुरोध कर सकेंगे। अनुरोध प्राप्त होने के कुछ ही देर में, टेक्नीशियन आवश्यक उपकरण के साथ मरीज़ के पास पहुंच जाएगा। यह त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि मरीज़ों को बिना किसी देरी के आवश्यक जांच। मिल सके, जिससे उनके उपचार की प्रक्रिया में तेजी आएगी और महत्वपूर्ण समय की बचत होगी।
एनएबीएल सर्टिफाइड फर्म की भूमिका
इस महत्वपूर्ण सेवा के लिए ईसीजी मशीन विद टेक्नीशियन का टेंडर डॉ और बोथरा डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर को मिला है। यह फर्म एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज) सर्टिफाइड है, जो इसकी सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को प्रमाणित करता है। एनएबीएल सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि प्रदान की जाने वाली जांच सेवाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं, जिससे मरीज़ों को सटीक और विश्वसनीय रिपोर्ट मिल सकेगी और यह पहली बार है कि ईसीजी मशीन के टेंडर में किसी एनएबीएल सर्टिफाइड फर्म की एंट्री हुई है, जो सेवा की गुणवत्ता के प्रति हॉस्पिटल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निविदा प्रक्रिया में विवाद और उसका समाधान
इस टेंडर को लेकर पहले काफी विवाद हुआ था और एस पी एम सी प्रिंसिपल डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा ने जब अधीक्षक रहते हुए यह टेंडर लगाया था, तो उन्होंने एनएबीएल सर्टिफाइड फर्म होने की शर्त रखी थी। हालांकि, एक अपील के दबाव में 1. 20 करोड़ रुपये का यह टेंडर निरस्त कर दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ दूसरी फर्म ने चिकित्सा आयुक्त के समक्ष अपील की, जिसे स्वीकार करते हुए उन्होंने एनएबीएल सर्टिफाइड फर्म के पक्ष में निर्णय दिया। इस निर्णय से यह सुनिश्चित हुआ कि मरीज़ों को उच्च गुणवत्ता वाली और प्रमाणित ईसीजी सेवाएं मिल सकेंगी।
समर्पित ईसीजी स्टेशन की स्थापना
पीबीएम हॉस्पिटल में पहली बार ईसीजी मशीनों के लिए एक समर्पित स्टेशन भी बनाया जाएगा। इसके लिए अधीक्षक से एक अलग कक्ष की मांग की गई है। इस कक्ष में 24 घंटे ईसीजी मशीनें और टेक्नीशियन उपलब्ध रहेंगे। फर्म के अनुसार, यदि किसी मरीज़ को ईसीजी करानी है और ओपीडी या इमरजेंसी में भीड़ है, तो वह सीधे इस स्टेशन पर जाकर अपनी जांच करवा सकेगा। यह स्टेशन उन मरीज़ों के लिए एक अतिरिक्त विकल्प प्रदान करेगा। जो तत्काल जांच चाहते हैं और भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं।
तकनीशियनों की बायोमेट्रिक हाजिरी और ट्रैकिंग सिस्टम
इस नई व्यवस्था के तहत, ईसीजी टेक्नीशियनों की हाजिरी बायोमेट्रिक प्रणाली से लगेगी। इस बायोमेट्रिक सिस्टम का एक्सेस पीबीएम अधीक्षक और नोडल अधिकारी के पास होगा, जिससे टेक्नीशियनों की उपस्थिति और समय-पालन पर निगरानी रखी जा सकेगी। इसके साथ ही, टेक्नीशियनों का एक ट्रैकिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा। यह ट्रैकिंग सिस्टम अधीक्षक को यह जानने में मदद करेगा कि कौन सा टेक्नीशियन इस समय कहां है, जिससे सेवाओं का कुशल प्रबंधन और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सकेगी। कुल 40 टेक्नीशियन राउंड द क्लॉक काम करेंगे, जिससे 24 घंटे सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
मशीनों का रखरखाव और बैकअप व्यवस्था
फर्म की जिम्मेदारी होगी कि वह ईसीजी मशीनों का उचित रखरखाव करे। यदि कोई मशीन खराब हो जाती है, तो फर्म को तत्काल दूसरी मशीन की व्यवस्था करनी होगी ताकि सेवा में कोई बाधा न आए। पूर्व में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण कई बार मरीज़ों की जांचें समय पर नहीं हो पाती थीं। इस नई शर्त से यह सुनिश्चित होगा कि मरीज़ों को हमेशा चालू और विश्वसनीय उपकरण के माध्यम से जांच की सुविधा मिले। डॉ. बीसी घीया, अधीक्षक, पीबीएम हॉस्पिटल ने बताया कि ईसीजी मशीन की निविदा का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है और मरीज़ों की सुविधा को देखते हुए ईसीजी की जांच 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि हेल्पलाइन पर कॉल करते ही टेक्नीशियन वार्ड में पहुंच जाएगा।
ईसीजी क्या है और इसका महत्व
ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) एक सरल, दर्द रहित और सुरक्षित टेस्ट है, जो हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। यह टेस्ट डॉक्टरों को हृदय की धड़कन की गति, लय और किसी भी असामान्यता, जैसे दिल का दौरा या अतालता (अनियमित धड़कन), का पता लगाने में मदद करता है। यह जांच छाती, हाथ और पैरों पर छोटे पैड (इलेक्ट्रोड) लगाकर की जाती है, जो हृदय के संकेतों को मशीन तक पहुंचाते हैं और इसका ग्राफ प्रिंट होता है। ईसीजी हृदय रोगों के निदान और प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण उपकरण है, और इसकी 24 घंटे उपलब्धता से मरीज़ों को समय पर और सटीक निदान मिल सकेगा, जिससे उनके जीवन की रक्षा हो सकेगी।