Sushant Singh Rajput Death / सुशांत के घर पहुंच छलका मनोज तिवारी का दर्द, कहा- जिनका गॉडफादर नहीं, उन्हें ..

News18 : Jun 22, 2020, 05:48 PM
पटना। छोटे शहरों के कलाकार बड़े शहरों में जाते हैं, तो उन्हें किस तरह की मजबूरियों का सामना करना पड़ता है। किस तरह से वो लड़खड़ाते हैं, गिरते हैं, उठते हैं, फिर चलते हैं। उनका कोई गॉडफादर नहीं होता है। बड़ी फिल्म करने के बावजूद उन्हें कोई तरजीह नहीं देता है। ऐसे कई सवालों पर बीजेपी के सांसद और भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार मनोज तिवारी (BJP MP Manoj Tiwari) का दर्द छलक पड़ा। मनोज तिवारी दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पटना स्थित घर पर उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। इस दौरान वह इतने भावुक हो गए कि उन्हें अपने संघर्ष के दिन याद आ गए। बातचीत के दौरान Nepotism पर भी उन्होंने अपने विचार रखे।

सुशांत के घर ऐसे मौके पर आना बहुत दर्द देता है

भोजपुरी फिल्म के अभिनेता और बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी पटना के राजीव नगर मोहल्ले में स्थित दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह के घर पहुंचे तो बहुत भावुक हो गए। जैसे ही मनोज तिवारी सुशांत सिंह राजपूत के घर पहुंचे उनके आंखों में आंसू आ गए। सुशांत सिंह राजपूत के पिता से उन्होंने तकरीबन घंटे भर बात की और उनके दर्द को बांटा। मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे पता नहीं था कि सुशांत के घर इस मौके पर आना पड़ेगा। बहुत दर्द होता है। सुशांत और मैं फिल्म धोनी में साथ में थे। मेरे ब्रदर इन लॉ ने उस फिल्म को प्रोड्यूस किया था। काफी होनहार कलाकार थे सुशांत सिंह राजपूत। उनका असमय चले जाना बहुत दर्द दे रहा है।

सीबीआई से जांच होनी चाहिए

बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। मनोज तिवारी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इस मौत की जांच सीबीआई को दे, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। तिवारी ने कहा कि जब तक इस मौत की जांच उच्च स्तरीय नहीं होगी, कई सवालों के जवाब नहीं मिल पाएंगे। सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी मौत के पीछे कई अनकहे पहलू छोड़ गए हैं, उसको जानना जरूरी है। कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब मिलना जरूरी है। जरूरी यह है कि इस मौत की जांच सीबीआई से हो।


बड़े शहर में छोटे शहर के कलाकारों को दबाया जाता है

मनोज तिवारी 2014 से पहले भोजपुरी फिल्म में अभिनेता और गायक रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई में किस तरह से छोटे शहर के कलाकारों को दबाया जाता है। मैं तो कई बार बड़ी फिल्मों में रहा भी लेकिन एक ऐसी लॉबी है जो आपको वहां से हटने पर मजबूर कर देती है। मुंबई में आप चल रहे हैं, आप दौड़ रहे हैं तो आप को गिराने के लिए कई लोग पीछे चल रहे होते हैं। मेरे साथ भी कई दफे यह हुआ है कि मैं थक कर बैठ जाता था।


छोटे शहर के कलाकार प्रतिभावान होते हैं

मनोज तिवारी ने कहा कि मुंबई में कुछ परिवारों का ही बोलबाला है। छोटे शहर के कलाकार काफी प्रतिभावान होते हैं । उनमे बहुत ऊर्जा होती है। लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया जाता है । उन्हें समय-समय पर जलील किया जाता है। उनको बताया जाता है कि यह उनकी सोसाइटी नहीं है।


SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER