उतर प्रदेश / जिस नौकर को देखभाल के लिए दी घर की चाबी, वो ही 5 करोड़ का माल लेकर फुर्र, 2 अरेस्ट

Zoom News : Jul 10, 2021, 09:39 AM
नोएडा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक मालिक ने अपने जिस नौकर को घर की हिफाजत का जिम्मा दिया था और उसने ही घर लूट लिया। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मकान मालिक ने नोएडा में अपने नौकर को अपना घर देखभाल के लिए दिया था और उस नौकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर मालिक के घर से सोने चांदी के जेवर और कार समेत करीब ₹5 करोड़ का सामान चोरी कर लिया। शहर के सेक्टर 49 पुलिस थाने में आरोपी नौकर और उसके साथी को गिरफ्तार कर फिलहाल ₹30 लाख की बरामदगी कर ली गई है।

नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया, ''2 मई को रामू थापे ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसके मालिक पीयूष बन्दोपाध्याय जो कि धोखाधड़ी के केस में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, उन्होंने अपने घर की देखरेख के लिए अपने ड्राइवर गयादीन उर्फ गोपाल को दी थी।

जेल जाने के कुछ दिन बाद ही ड्राइवर गोपाल, अपने साथी हीरा के साथ मिलकर पीयूष के घर से उनकी सियाज कार, एक स्कूटी, घर में रखे सोने-चांदी के जेवरात, जरूरी कागजात, 2 फ्रिज, 2 एलईडी टीवी, सोफा, कारपेट, वॉशिंग मशीन, कई एसी और अन्य सभी समान ट्रक में लाद कर फरार हो गया। चोरों ने घर में एक भी सामान नहीं छोड़ा। चोरी किये गए सामान की कुल कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।'

छतरपुर से चोर को किया अरेस्ट 

एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी नौकर गोपाल निवासी जिला छतरपुर मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। गोपाल से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने घटना में शामिल एक अन्य आरोपी हीरा निवासी छतरपुर, मध्य प्रदेश को भी गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल जिस घर में घर में चोरी की वारदात हुई उस घर के मालिक पीयूष इन्नोवेटिव आईडियाज नाम से कंपनी चलाते थे और विदेशी कंपनियों को टेक्निकल सपोर्ट एडवाइस देते थे।

तीस लाख रुपये की बरामदी की 

पीयूष को धोखाधड़ी के मामले में 28 अगस्त 2020 को दिल्ली पुलिस की EOW टीम ने गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया था। जेल जाने के दौरान उसने अपने मकान की देखरेख के लिए घर की सभी चाबी, गाड़ी की चाबी अपने ड्राइवर गयादीन उर्फ गोपाल को देते हुए सभी सामान की देखभाल करने को कहा था। करोड़ों की इस चोरी के मामले में 10 महीने बाद पुलिस को सिर्फ ₹30 लाख की बरामदगी हुई है। बाकी के साढ़े चार करोड़ रुपए की बरामदगी होना अभी बाकी है।

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