New Income Tax Bill / न्यू इनकम टैक्स बिल में होंगे ये बदलाव! कमेटी ने दिए हैं 10 बड़े सुझाव

केंद्र सरकार 11 अगस्त को संसद में न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 पेश करेगी। संसदीय समिति ने इस पर 566 सुझाव दिए हैं, जिनमें डेफिनेशन्स को स्पष्ट करना, रिफंड नियमों में बदलाव, जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट की अनुमति और MSME की परिभाषा में संशोधन जैसे प्रमुख प्रस्ताव शामिल हैं।

New Income Tax Bill: केंद्र सरकार की ओर से नया आयकर बिल 2025 सोमवार, 11 अगस्त को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल को लेकर व्यापक चर्चाएं हो रही हैं, और इसे और बेहतर बनाने के लिए गठित संसदीय सेलेक्ट कमेटी ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। समिति की 4,584 पेज की विस्तृत रिपोर्ट में कुल 566 सुझाव/सिफारिशें शामिल हैं, जिनमें से 285 सिफारिशें टैक्स सिस्टम को सरल और स्पष्ट बनाने पर केंद्रित हैं। आइए, इस लेख में समिति की 10 प्रमुख सिफारिशों पर एक नजर डालते हैं, जो नए आयकर बिल को और प्रभावी बनाने में मदद करेंगी।

1. डेफिनेशन्स को और स्पष्ट करना

सेलेक्ट कमेटी ने सुझाव दिया कि बिल में मौजूद डेफिनेशन्स को और टाइट किया जाए ताकि अस्पष्टता (कन्फ्यूजन्स) दूर हो और इसे मौजूदा टैक्स सिस्टम के साथ बेहतर ढंग से अलाइन किया जा सके। इससे टैक्सपेयर्स को नियमों को समझने में आसानी होगी।

2. आयकर रिफंड नियम में बदलाव

समिति ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि लेट ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करने पर रिफंड न देने वाले नियम को हटाया जाए। पुराने बिल में रिफंड के लिए ITR को समय पर फाइल करना अनिवार्य था, लेकिन अब इस नियम को हटाने की सिफारिश की गई है ताकि टैक्सपेयर्स को राहत मिले।

3. धारा 80एम में संशोधन

नए बिल के क्लॉज 148 (धारा 80एम) में बदलाव का सुझाव दिया गया है, जो इंटर-कॉर्पोरेट डिविडेंड पर डिडक्शन से संबंधित है। यह सुझाव विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए है जो स्पेशल टैक्स रेट का लाभ उठाती हैं।

4. जीरो टीडीएस सर्टिफिकेट की अनुमति

समिति ने टैक्सपेयर्स को जीरो टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनुमति देने की सिफारिश की है। इससे टैक्सपेयर्स को अनावश्यक कर कटौती से राहत मिलेगी।

5. MSME की डेफिनेशन में बदलाव

माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज की डेफिनेशन को MSME एक्ट के अनुसार करने का सुझाव दिया गया है। इससे छोटे और मध्यम उद्यमों को टैक्स नियमों का पालन करने में आसानी होगी।

6. अडवांस रूलिंग फीस पर स्पष्टता

रिपोर्ट में अडवांस रूलिंग फीस को और स्पष्ट करने की सिफारिश की गई है। इससे टैक्सपेयर्स को नियमों की बेहतर समझ होगी और अनावश्यक विवादों से बचा जा सकेगा।

7. प्रोविडेंट फंड पर टीडीएस नियम

समिति ने प्रोविडेंट फंड पर टीडीएस से संबंधित नियमों में स्पष्टता और सरलीकरण की सिफारिश की है। इससे कर्मचारियों को अपने प्रोविडेंट फंड से संबंधित टैक्स नियमों को समझने में मदद मिलेगी।

8. लोअर टैक्स सर्टिफिकेट

लोअर टैक्स सर्टिफिकेट के लिए प्रक्रिया को और सरल करने का सुझाव दिया गया है। यह टैक्सपेयर्स के लिए कर कटौती को कम करने में सहायक होगा।

9. पेनल्टी पावर्स में बदलाव

पेनल्टी से संबंधित नियमों में स्पष्टता लाने और अनावश्यक कठोरता को कम करने के लिए बिल में बदलाव की सिफारिश की गई है। इससे टैक्सपेयर्स पर अनुचित दबाव कम होगा।

10. टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं

आयकर विभाग ने स्पष्ट किया कि टैक्स रेट्स में कोई बदलाव की सिफारिश नहीं की गई है। कुछ खबरों में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स रेट्स में बदलाव की अफवाहें थीं, लेकिन समिति ने इस पर कोई सुझाव नहीं दिया।