- भारत,
- 04-Aug-2025 10:09 PM IST
India-US Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधते हुए कड़ी चेतावनी जारी की है। ट्रंप ने दावा किया है कि भारत रूसी तेल को खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन के साथ चल रहे य UDCRD में आर्थिक सहायता मिल रही है। उन्होंने भारत पर यूक्रेन में होने वाली मानवीय क्षति की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि भारत को इस बात की "कोई परवाह नहीं" कि रूसी युद्ध मशीन के कारण कितने लोग मारे जा रहे हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि इस वजह से भारत पर और अधिक टैरिफ लगाए जा सकते हैं। हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ और जुर्माने की घोषणा की थी, और अब ट्रंप ने संकेत दिया है कि इसे और बढ़ाया जा सकता है।
भारत पर लगातार हमला
ट्रंप का यह बयान भारत के खिलाफ उनकी हालिया आलोचनाओं की कड़ी में नवीनतम है। पिछले हफ्ते भी उन्होंने भारत को ब्रिक्स समूह में शामिल होने और रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने के लिए आड़े हाथों लिया था। ट्रंप ने कहा था कि ब्रिक्स देश अपनी "मृत अर्थव्यवस्थाओं" को उबारने की कोशिश कर रहे हैं। यह बयान अमेरिका की उस नीति से एक आश्चर्यजनक विचलन है, जिसमें भारत को एशिया में चीन के खिलाफ एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाता था। अब, ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए भारत के साथ संबंधों को फिर से परिभाषित करने को तैयार हैं, जो यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के अमेरिकी प्रयासों का विरोध कर रहे हैं।
व्यापार वार्ता में चुनौतियां
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, नई दिल्ली ने वाशिंगटन के साथ व्यापार वार्ता जारी रखने की इच्छा जताई है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, बहुत अधिक रियायतें देने को तैयार नहीं होगा। नैटिक्सिस की सीनियर इकोनॉमिस्ट त्रिन्ह गुयेन ने हाल ही में भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को खोलने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जो अमेरिका की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं। गुयेन ने लिखा, "भारत की नीतिगत जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ी है, लेकिन यह अपनी गति से ही आगे बढ़ेगा।"
भारत की स्थिति
भारत ने रूसी तेल खरीद को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, जिसमें उसने कहा है कि वह वैश्विक ऊर्जा बाजारों में स्थिरता बनाए रखने के लिए सस्ते तेल की खरीद को प्राथमिकता देता है। भारत का यह रुख उसके ऊर्जा सुरक्षा हितों और वैश्विक भू-राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने की रणनीति को दर्शाता है। हालांकि, ट्रंप के हालिया बयानों ने दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
