Maharashtra Politics / स्पीकर के फैसले पर बोले उद्धव ठाकरे, लोकतंत्र की हत्या हुई है, अब आगे क्या करेंगे?

Zoom News : Jan 10, 2024, 08:30 PM
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में असली शिवसेना कौन है इसे लेकर पिछले डेढ़ साल से चल रही दावेदारी की लड़ाई में बुधवार को एक बड़ा मोड़ सामने आया,  जब महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट की बार-बार की फटकार के बाद दी गई मोहलत के आखिरी दिन यानी 10 जनवरी 2024 कोअपना फैसला सुनाया है। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने चुनाव आयोग का हवाला देते हुए एकनाथ शिंदे गुट को राहत दी है। नार्वेकर ने आज घोषणा की, असली शिवसेना शिंदे गुट की है और उद्धव ठाकरे गुट ने नियमों को ताक पर रखकर विधायकों को सस्पेंड किया था।

बुधवार को स्पीकर की इस घोषणा के साथ ही सीएम शिंदे समेत 16 विधायकों पर जो अयोग्यता की तलवार लटक रही थी, वह अब हट गई है और वे इस फैसले से खुश हैं। इस फैसले के बाद मुंबई से लेकर नासिक तक शिंदे गुट के समर्थक जश्न मना रहे हैं तो वहीं उद्धव ठाकरे ने स्पीकर पर ही सवाल उठाया है और कहा है कि आज लोकतंत्र की हत्या की गई है। 

उद्धव ठाकरे ने फैसले पर उठाया सवाल

एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों पर स्पीकर के फैसले के बाद पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम जनता को साथ लेकर लड़ेंगे और जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर का आज जो आदेश आया है, वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत किया है। अब हम इस लड़ाई को आगे भी लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट जनता और शिवसेना को पूरा न्याय दिए बिना नहीं रुकेगा।''

शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास क्या विकल्प हैं?

उद्धव ठाकरे गुट, यूबीटी आगे क्या करेगी  

विधानसभा स्पीकर के फैसले के बाद पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने यह साफ कर दिया है कि वे अब इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं, शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाते हुए बीजेपी षडयंत्र करने का आरोप लगाया है। उन्होंने साथ ही कहा कि वे अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। दरअसल, अब ठाकरे परिवार के पास यही विकल्प भी बचा है क्योंकि इससे पहले चुनाव आयोग भी शिंदे गुट के पक्ष में ही फैसला सुना चुकी है।

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