COVID-19 Update / कोरोना की तीसरी लहर के अंदेशे के बीच उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा रद्द की, UP में जारी रहेगी

Zoom News : Jul 14, 2021, 06:33 AM
Delhi: कोरोना महामारी और तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) सरकार ने इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है। हालांकि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा जारी रहेगी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद धामी के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद उनकी नई सरकार ने उत्तराखंड से जुड़े वार्षिक धार्मिक तीर्थयात्रा पर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया था, जिसे आज रद्द कर दिया गया।

उत्तराखंड राज्य सरकार ने पिछले साल की तरह इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण की वजह से पिछले साल भी कांवड़ यात्रा संचालित नहीं हो सकी थी। लेकिन इस साल महामारी के संभावित तीसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत इस साल भी कांवड़ यात्रा संचालित नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने 2 दिन पहले आजतक से बातचीत के दौरान कहा था कि यह लाखों लोगों की आस्था की बात है। हालांकि लोगों की जान को खतरा नहीं होना चाहिए। जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। अगर यात्रा के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है तो भगवान इसे पसंद नहीं करेंगे।


व्यापारियों को झटका

हरिद्वार के व्यापारी लंबे समय से कांवड़ यात्रा संचालित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि पिछले साल भी कांवड़ यात्रा संचालित नहीं होने और वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लागू कर्फ्यू की वजह से काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

लगभग बर्बादी के कगार पर पहुंचे सभी व्यापारी वर्ग जिनकी आजीविका सिर्फ धार्मिक आयोजन और यात्रा पर ही निर्भर करती है वे राज्य सरकार से मांग कर रहे थे कि कांवड़ यात्रा संचालित की जाए जिससे उनको थोड़ी राहत मिल सके।


यूपी सरकार ने स्थगित नहीं की यात्रा

पिछले महीने तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया था। लेकिन राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री की कमान संभाली पुष्कर सिंह धामी ने। धामी ने शुरुआती दिनों में कांवड़ यात्रा संचालित करने पर जोर दिया था और उस दौरान मुख्यमंत्री ने तर्क दिया था कि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करने के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।

सचिवालय में आज मंगलवार को हुई कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक में अंतिम निर्णय ले लिया गया है जिसके तहत इस साल भी पिछले साल की तरह की कांवड़ यात्रा संचालित नहीं होगी। ऐसे में इस साल भी कांवड़ियों को निराशा ही हाथ लगी है। एक ओर जहां उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित नहीं किया है

यूपी में कांवड़ यात्रा स्थगित नहीं की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 को निर्देश दिए हैं कि पारंपरिक कांवड़ यात्रा कोविड प्रोटोकॉल के साथ हो सकेगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के संबंध में विशेषज्ञों के भविष्य के आकलनों को ध्यान में रखते हुए कांवड़ यात्रा कराई जाए।

हालांकि कांवड़ संघों से संवाद कर न्यूनतम लोगों की सहभागिता का अनुरोध किया जाएगा। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड राज्यों से भी संवाद कर कांवड़ यात्रा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किए जाएं।

हालांकि इससे पहले खबर थी कि कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की है और वह जल्द ही हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात करने के बाद कांवड़ यात्रा शुरू करने पर फैसला कर सकते हैं।


IMA की गुजारिश

इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने तीसरी लहर के बड़े खतरे देखते हुए पर्यटन स्थलों (Tourist Places) को खोले जाने पर चिंता व्यक्त की। साथ ही आईएमए ने केंद्र और राज्य सरकारों से कम से कम तीन महीने के लिए कोरोना गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करने की अपील भी की।

केंद्र और राज्य सरकारों को लिखी गई चिट्ठी में आईएमए ने कहा, 'पर्यटक, तीर्थ यात्रा, धार्मिक उत्साह सभी की जरूरत है, लेकिन कुछ और महीनों तक इंतजार कर सकते हैं।' आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल और महासचिव डॉक्टर जयेश लेले ने चिट्ठी में कहा, 'देश केवल कोरोना महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से बाहर निकल रहा है, अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, उपलब्ध वैश्विक सबूत और किसी भी महामारी के इतिहास में साफ है कि तीसरी लहर आएगी और जल्द ही आने वाली है।

महीने की शुरुआत में ही उत्तराखंड हाई कोर्ट (uttarakhand high court) ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर लगाई गई रोक को 28 जुलाई तक बढ़ा दिया। पहले यह रोक 7 जुलाई तक थी, जिसे सुनवाई के बाद आगे बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से चारधाम की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए चारधाम बोर्ड से फैसला लेने को कहा।

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