विजय हजारे ट्रॉफी के रोमांचक मुकाबले में बिहार के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट जगत में एक नया इतिहास रच दिया है और अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेले गए प्लेट ग्रुप मैच में, वैभव ने न केवल अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि 39 साल पुराने एक विश्व रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया। रांची के JSCA ओवल ग्राउंड में हुए इस मैच में, 14 वर्षीय वैभव ने मात्र 36 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया, जिससे वह लिस्ट-ए क्रिकेट में शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई है, जो एक उभरते हुए सितारे की चमक को दर्शाती है।
सबसे युवा शतकवीर का नया कीर्तिमान
वैभव सूर्यवंशी ने पाकिस्तान के जहूर इलाही का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है, जो उन्होंने 1986 में बनाया था। जहूर इलाही ने उस समय 15 साल 209 दिन की उम्र में विल्स कप के दौरान पाकिस्तान ऑटोमोबाइल्स की ओर से खेलते हुए रेलवे के खिलाफ लिस्ट-ए क्रिकेट में शतक जड़ा था। यह रिकॉर्ड लगभग चार दशकों से अटूट था, लेकिन वैभव की असाधारण प्रतिभा और आत्मविश्वास ने इसे तोड़ दिया और 14 साल की छोटी सी उम्र में इस तरह का प्रदर्शन करना न केवल उनकी व्यक्तिगत क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारतीय घरेलू क्रिकेट में युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इस रिकॉर्ड को तोड़ना वैभव के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह उन्हें वैश्विक क्रिकेट मंच पर पहचान दिलाएगा।
विस्फोटक बल्लेबाजी का प्रदर्शन: 36 गेंदों में शतक
वैभव सूर्यवंशी ने अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाजों पर कहर बरपाते हुए महज 36 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। यह उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और शानदार टाइमिंग का प्रमाण था। उन्होंने अपनी पारी के दौरान मैदान के चारों ओर शॉट लगाए, जिससे विपक्षी टीम के गेंदबाज पूरी तरह से बेबस नजर आए। 12वें ओवर की पहली गेंद पर एक रन लेकर उन्होंने अपना शतक पूरा किया, जो उनकी पारी की गति और नियंत्रण को दर्शाता है और इस तरह की तेज-तर्रार पारी किसी भी बल्लेबाज के लिए एक सपना होती है, खासकर जब वह इतनी कम उम्र में खेली गई हो। यह शतक न केवल रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ, बल्कि इसने दर्शकों और क्रिकेट विशेषज्ञों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया।
लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे तेज शतक: वैश्विक परिप्रेक्ष्य
शतक पूरा करने के बाद भी वैभव रुके नहीं। उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी और अंततः 84 गेंदों में 190 रनों की विशाल पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 16 चौके और 15 छक्के लगाए, जो उनकी विध्वंसक क्षमता को उजागर करता है। उनकी इस पारी ने बिहार टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया और मैच में उनकी जीत की नींव रखी और 190 रनों की यह पारी न केवल उनके व्यक्तिगत स्कोर के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह टीम के कुल स्कोर में भी एक बड़ा योगदान था। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी और प्रभावशाली पारी खेलना वैभव की परिपक्वता और खेल के प्रति उनकी गहरी समझ को दर्शाता है।
हालांकि वैभव का शतक लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे तेज शतकों में से एक है, लेकिन सबसे तेज शतक का विश्व रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के जेक फ्रेजर-मैकगर्क के नाम है, जिन्होंने सिर्फ 29 गेंदों में सेंचुरी ठोकी थी। उनके बाद एबी डिविलियर्स ने 31 गेंदों में शतक जड़कर यह कारनामा किया था और वैभव का 36 गेंदों का शतक इन दिग्गजों के करीब है, जो उनकी क्षमता को और भी अधिक उजागर करता है। यह दर्शाता है कि वह वैश्विक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ने की क्षमता रखते हैं।
भारतीय रिकॉर्ड बुक में दूसरा सबसे तेज शतक
भारतीय बल्लेबाजों की ओर से लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड अनमोलप्रीत सिंह के नाम है, जिन्होंने 2024 में पंजाब की ओर से अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ सिर्फ 35 गेंदों में शतक जड़ा था। वैभव सूर्यवंशी का 36 गेंदों का शतक अब भारतीय रिकॉर्ड बुक में दूसरे स्थान पर है, जो उन्हें अनमोलप्रीत सिंह के ठीक पीछे रखता है। इस सूची में यूसुफ पठान (40 गेंद, 2010), उर्विल पटेल (41 गेंद, 2023) और अभिषेक शर्मा (42 गेंद, 2021) जैसे विस्फोटक बल्लेबाज भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी से लिस्ट-ए क्रिकेट में इतिहास रचा है। वैभव का नाम अब इन प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के साथ जुड़ गया है, जो उनकी प्रतिभा का प्रमाण है।
लिस्ट-ए क्रिकेट का महत्व
लिस्ट-ए क्रिकेट घरेलू वनडे मैचों को संदर्भित करता है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह के मैच शामिल होते हैं। विजय हजारे ट्रॉफी के मैच भारत के घरेलू वनडे क्रिकेट का हिस्सा हैं और इन्हें लिस्ट-ए का दर्जा प्राप्त है। यह फॉर्मेट युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का अवसर प्रदान करता है। वैभव का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि लिस्ट-ए क्रिकेट कितना महत्वपूर्ण है और कैसे यह भविष्य के सितारों को तैयार करता है और इस फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करना खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं की नजर में लाता है और उनके करियर को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
बिहार क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय
वैभव सूर्यवंशी, जो बिहार टीम के उप-कप्तान भी हैं, ने अपनी इस ऐतिहासिक पारी से बिहार क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय लिख दिया है और उनकी यह उपलब्धि न केवल बिहार के युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, बल्कि राज्य में क्रिकेट के विकास को भी बढ़ावा देगी। इतनी कम उम्र में उप-कप्तान की भूमिका निभाना और फिर ऐसा रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन करना उनकी नेतृत्व क्षमता और खेल के प्रति समर्पण को दर्शाता है और वैभव का यह प्रदर्शन बिहार को राष्ट्रीय क्रिकेट मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा और भविष्य में राज्य से और भी प्रतिभाओं के उभरने की उम्मीद जगाएगा।
भविष्य का सितारा
वैभव सूर्यवंशी का यह प्रदर्शन सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। 14 साल की उम्र में इस तरह की परिपक्वता, आक्रामकता और रिकॉर्ड-तोड़ क्षमता दिखाना असाधारण है और क्रिकेट पंडितों और प्रशंसकों की निगाहें अब इस युवा प्रतिभा पर टिकी होंगी कि वह अपने करियर में आगे क्या मुकाम हासिल करते हैं। उनकी यह पारी निश्चित रूप से उन्हें एक लंबी और सफल क्रिकेट यात्रा के लिए प्रेरित करेगी। वैभव ने साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है जब प्रतिभा और जुनून साथ हों।